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कौन थे फौजा सिंह? बचपन में चल नहीं पाते, पत्नी के मौत के बाद डिप्रेशन, 90 पर दौड़ने का लगा ऐसा चस्का; 100 साल की उम्र में बनाया विश्वरिकॉर्ड

Who Was Fauja Singh? 1992 में फौजा सिंह की पत्नी जियान कौर और 1994 में बेटे कुलदीप की एक हादसे में मौत हो गई. इन दुखों ने फौजा को अंदर से तोड़ दिया था. वह डिप्रेशन में चले गए थे. लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय दौड़ने का रास्ता चुना. जिसके बाद उन्होंने जो इतिहास रचा पूरी दुनिया जानती है. आइए जानते हैं कौन थे फौजा सिंह?  

कौन थे फौजा सिंह? बचपन में चल नहीं पाते, पत्नी के मौत के बाद डिप्रेशन, 90 पर दौड़ने का लगा ऐसा चस्का; 100 साल की उम्र में बनाया विश्वरिकॉर्ड
krishna pandey |Updated: Jul 15, 2025, 07:52 AM IST
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Fauja Singh Death: दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक फौजा सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे. 114 वर्षीय फौजा सिंह सोमवार सुबह सैर पर गए थे, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी. हादसे के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया. गंभीर रूप से घायल फौजा सिंह को तुरंत जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान देर रात उनकी मौत हो गई. 

फौजा सिंह की कहानी ऐसी थी, जो हर किसी को प्रेरित करती है.आइए, जानते हैं उनके जीवन के बारे में.
कौन थे फौजा सिंह?
फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब के जालंधर स्थित ब्यास पिंड में हुआ था. चार भाई-बहनों में सबसे छोटे फौजा बचपन में शारीरिक रूप से कमजोर थे और पांच साल की उम्र तक चल नहीं पाते थे. लेकिन उन्होंने असाधारण इच्छाशक्ति से इस कमी को अपनी ताकत बनाया. बचपन से ही दौड़ने का शौक रखने वाले फौजा पर 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन ने गहरा प्रभाव डाला.

पत्नी और बेटे की मौत ने बदली जिंदगी
फौजा सिंह ने अपने जीवन में कई दुख देखे. 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे ने उन्हें गहरे तक प्रभावित किया. फिर 1992 में उनकी पत्नी जियान कौर और 1994 में बेटे कुलदीप की एक हादसे में मौत हो गई. इन दुखों ने फौजा को अंदर से तोड़ दिया था. वह डिप्रेशन में चले गए थे. लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय दौड़ने का रास्ता चुना. 1990 के दशक में वह अपने बेटे के साथ लंदन चले गए और करीब 90 साल की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया.

100 साल की उम्र में बनाया विश्व रिकॉर्ड
फौजा सिंह ने 2000 में लंदन मैराथन से अपने करियर की शुरुआत की. 2011 में, 100 साल की उम्र में, उन्होंने टोरंटो वाटरफ्रंट मैराथन को 8 घंटे 11 मिनट 6 सेकंड में पूरा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. वह पहले सौ साल के धावक बने, जिन्होंने फुल मैराथन पूरी की. हालांकि, जन्म प्रमाण पत्र न होने की वजह से गिनीज बुक में उनका नाम दर्ज नहीं हो सका, लेकिन उनकी उपलब्धि ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा. उन्हें "टर्बन्ड टोर्नाडो" और "सिख सुपरमैन" जैसे नाम मिले.

सबने जताया दुख
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने फौजा सिंह के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "महान मैराथन धावक और दृढ़ता के प्रतीक सरदार फौजा सिंह के निधन से अत्यंत दुखी हूं. 114 वर्ष की आयु में वे अद्वितीय उत्साह के साथ 'नशा मुक्त - रंगला पंजाब' मार्च में मेरे साथ शामिल हुए. उनकी विरासत नशा मुक्त पंजाब के लिए प्रेरणा बनी रहेगी." (इनपुट आईएएनएस से भी)

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