Why Chhatrapati Shivaji Memorial Demand in Agra: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग हो रही है. वहीं महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यूपी के आगरा फोर्ट के मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य स्मारक बनाने की इच्छा जाहिर की है. देवेंद्र फडणवीस का दावा है कि यूपी में महाराष्ट्र सरकार को स्मारक बनाने की इजाजत मिलती है तो ये ताजमहल से भी भव्य बनेगा.
आखिर क्यों उठी आगरा में छत्रपति स्मारक बनाने की मांग?
आइये आपको बताते हैं कि आखिर आगरा किले में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की मांग क्यों की गई है. इतिहास के मुताबिक, साल 1666 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज को अपने 50वें जन्मदिन समारोह में शामिल होने के लिए आगरा के शाही दरबार में आने का न्योता दिया था.
औरंगजेब ने छल से कर लिया था कैद
इस न्योते को स्वीकार करते हुए छत्रपति शिवाजी अपने बेटे संभाजी के साथ जन्मदिन समारोह में शिरकत करने के लिए आगरा पहुंचे थे. मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी महाराज से संधि करने की योजना बनाई थी. लेकिन औरंगबेज से उचित सम्मान न मिलने पर शिवाजी ने मनसबदार का पद ठुकरा दिया. इसके बाद औरंगजेब के सैनिकों ने छल से शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी को बंदी बना लिया था.
फलों की टोकरी में बैठकर निकल गए थे शिवाजी
कहा जाता है कि मीना बाजार के पास मौजूद राम सिंह की हवेली में शिवाजी महाराज को संभाजी के साथ बंदी बनाकर रखा गया था. यहीं से शिवाजी महाराज अपने बेटे के साथ फलों की टोकरी में बैठकर औरंगजेब की कैद से निकल गए थे. अब देवेंद्र फडणवीस ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से इसी मीना बाजार के करीब छत्रपति शिवाजी का भव्य स्मारक बनाने की इच्छा जाहिर की है.
'औरंगजेब प्रेमियों' की छाती पर एक और प्रहार
जिसे औरंगजेब प्रेमियों की छाती पर एक और करारा प्रहार माना जा रहा है. बीजेपी को उम्मीद है कि इस दांव से देश में देशभक्ति का भाव मजबूत होगा. वहीं यूपी-महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में उसके हिंदू वोटर उसके फेवर में एकजुट होंगे. इस खबर के सामने आने के बाद औरंगजेब को अपना माई-बाप बताने वालों को समझ नहीं आ रहा है कि वे इस पर क्या प्रतिक्रिया दें.
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