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प्राइम मिनिस्टर कनाडा से सीधे यहां आ जाइए... पाक आर्मी चीफ मिलने वाले थे, ट्रंप ने मोदी को क्यों बुलाया?

Modi Trump Phone Call Discussion: पाकिस्तान के आर्मी चीफ का अकारण राष्ट्रपति ट्रंप से मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है. उससे पहले ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा फोन लगा दिया. उन्होंने कहा कि पीएम आप वहां से सीधे अमेरिका आ सकते हैं क्या? आखिर ट्रंप के मन में क्या था? आगे पीएम ने पाकिस्तान पर भारत का रुख साफ-साफ बता दिया. 

प्राइम मिनिस्टर कनाडा से सीधे यहां आ जाइए... पाक आर्मी चीफ मिलने वाले थे, ट्रंप ने मोदी को क्यों बुलाया?
Anurag Mishra|Updated: Jun 18, 2025, 01:28 PM IST
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Donald Trump Invited PM Modi: ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेवजह भारत और पाकिस्तान के बीच 'चौधरी' बन रहे थे. आज अचानक डोनाल्ड ट्रंप ने फोन मिलाया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 35 मिनट की बातचीत में साफ कर दिया कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा. इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनीतिक एकमत है. आगे ट्रंप ने मोदी से कह दिया कि आप कनाडा से सीधे यहां आ जाइए. जानिए आगे क्या हुआ.  

ट्रंप ने पूछा, मिस्टर मोदी क्या आप...

ट्रंप ने वॉशिंगटन से जिस समय मोदी को फोन किया, वह कनाडा से क्रोएशिया के लिए निकलने वाले थे. इधर, पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर अमेरिका पहुंचे हुए थे और ट्रंप से कुछ देर बाद मिलने वाले थे. ऐसे वक्त में ट्रंप ने पीएम मोदी से कह दिया कि आप कनाडा से वापसी में अमेरिका आ जाइए. हां, राष्ट्रपति ट्रंप ने पूछा, 'प्राइम मिनिस्टर क्या आप कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं?' प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात G7 समिट से इतर होनी तय थी. हालांकि ट्रंप को जल्दी अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई. 

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से असमर्थता जताई और कहा कि पहले से कार्यक्रम निर्धारित है. आखिर में दोनों नेताओं ने तय किया कि वे जल्द ही मिलने की कोशिश करेंगे. QUAD की अगली बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का न्योता भी दिया. इस पर प्रेसिडेंट ट्रंप ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वह भारत आने के लिए उत्सुक हैं. 

पाकिस्तान पर दो टूक

ट्रंप और पाक आर्मी चीफ की मुलाकात से ठीक पहले पीएम मोदी ने साफ संदेश दिया कि भारत अब आतंकवाद को proxy war नहीं बल्कि युद्ध के रूप में ही देखता है और भारत का ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है. राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री की बातों को गंभीरता से समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया. 

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की. मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाक के अधिकृत कब्जे वाले कश्मीर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था. भारत के एक्शन बहुत ही सीमित, सटीक और उकसावे वाला नहीं था. साथ ही, भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा.

वेंस ने मोदी से क्या कहा था?

9 मई की रात को उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था. वेंस ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ शब्दों में बताया था कि अगर ऐसा होता है तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा. 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया और पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया. उसके मिलिट्री एयरबेसों को तबाह कर दया. भारत के मुहतोड़ जवाब के कारण पाकिस्तान को भारत से सैन्य कारवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा. 

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी, किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमरीका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी. सैन्य कारवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच, दोनों सेनाओं के मौजूदा चैनल के माध्यम से हुई थी और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी. (फोटो-सोशल मीडिया)

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