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इस बार की गर्मी याद दिला देगी नानी! क्यों बर्दाश्त से बाहर होगा तापमान, जानिए आखिर महासागर में क्या हो रहा है?

Global Warming: अभी अप्रैल का महीना ही चल रहा है लेकिन रोजाना बढ़ता हुआ तापमान लोगों को परेशान कर रहा है. अप्रैल महीने का इतना गर्म होने की वजह आखिर क्या है. क्या जलवायु में परिवर्तन हो रहा है. 

इस बार की गर्मी याद दिला देगी नानी! क्यों बर्दाश्त से बाहर होगा तापमान, जानिए आखिर महासागर में क्या हो रहा है?
Abhinaw Tripathi |Updated: Apr 09, 2025, 03:45 PM IST
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Global Warming: अभी अप्रैल का महीना ही चल रहा है लेकिन रोजाना बढ़ता हुआ तापमान लोगों को परेशान कर रहा है. गर्मी की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इस महीने में ही लोग 10 बजे के बाद बाहर निकलने से कतराने लगे हैं. ज्यादा गर्मी की वजह से एसी- कूलर  का यूज हो रहा है. इस गर्मी को लेकर वैज्ञनिकों ने कहा कि तापमान 1850-1900 की औद्योगिक क्रांति से पहले के औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करने के करीब है. उन्होंने कहा है कि बढ़ते तापमान के लिए इंसानी गतिविधियों से मौसम में हो रहा बदलाव जिम्मेदार है. इसकी वजह समंदर भी माना जा रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर समंदर में ऐसी कौन सी गतिविधि हो रही है जिसकी वजह से दुनिया में बेतहाशा गर्मी पड़ रही है. 

समंदर में आखिर क्या हो रहा?
The Conversation में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक पता चला है कि अंटार्कटिका के चारों ओर पृथ्वी की सबसे शक्तिशाली समुद्री धारा बहती है. इस धारा को अंटार्कटिक सर्कम्पोलर करंट (ACC) कहते हैं.  इसे लेकर कहा जाता है कि यह अटलांटिक, प्रशांत और हिंद महासागरों के बीच पानी ले जाने का मुख्य रास्ता है. यह धारा दुनिया के मौसम को ठीक रखने में मददगार भी होती है. 

धारा हुई धीमी
एक नई रिसर्च के अनुसार बताया जा रहा है कि ACC अबतक बहुत स्थिर थी. यह अगले 25 सालों में धीमी हो सकती है. इसकी वजह से समुद्री जीवन, समुद्र के बढ़ते स्तर और वातावरण से गर्मी सोखने की धरती की क्षमता पर असर पड़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है अगर आने वाले दिनों में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन ज्यादा होता है तो आने वाले 2050 तक यह धारा 20 प्रतिशत तक धीमी हो सकती है. ऐसे में ये अंटार्कटिक बर्फ की चादरों से पिघला हुआ पानी समुद्र के खारे पानी को पतला कर देगा. इसकी वजह से महत्वपूर्ण समुद्री धाराओं में से एक की धार बाधित होगी. 

ज्यादा ताकतवर है ये धारा 
ऐसा कहा जा रहा है कि ACC अमेजन नदी से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली है. यह दुनिया के महासागरों में गर्मी और पोषक तत्वों को फैलाती है. ऐसे में अगर इसमें कोई रुकावट आती है तो महासागरों की गर्मी और कार्बन सोखने की क्षमता कम हो सकती है. इससे जलवायु परिवर्तन को कम करने की उनकी क्षमता कम हो जाएगी. इसके अलावा ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के एक समुद्र विज्ञानी माइकल मेरेडिथ ने बताया है कि ग्लोबल वार्मिंग से होने वाली 90% से ज्यादा गर्मी समुद्र में चली गई है. 

इतने गुना बढ़ेगी गर्मी
दुनिया भर में पड़ रही भीषण गर्मी को वैज्ञानिक विनाश का संकेत मान रहे हैं. इस समय तेज लू चल रही है ये दुनिया के कई देशों को प्रभावित कर रही है. ऐसी लू 100 साल में कभी एक बार चलती है. इसकी वजह से भारत के कई हिस्से भी प्रभावित हो रहे हैं. यहां तक की ठंडे प्रदेशों में भी गर्मी का एहसास हो रहा है. हो रहे जलवायु परिवर्तन की वजह से आशंका जताई जा रही है कि इस बार गर्मी 30 गुना तक बढ़ी है. जिसकी वजह से अप्रैल में भी तपती गर्मी पड़ रही है. 

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