हाइपोकैल्शीमिया एक सीरियस मेडिकल कंडीशन है, जिसमें खून में कैल्शियम की मात्रा बहुत कम हो जाती है. बचपन में इस कंडीशन का होना कई ऐसे परिणामों को जन्म दे देता है, जिसका असर जिंदगी भर साथ रहता है. यह विटामिन बच्चों के विकास और उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के साथ मांसपेशियों, नसों और हार्ट के सही तरह से काम के लिए भी जरूरी है.
बहुत से माता-पिता बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षणों की ओर ध्यान नहीं देते हैं. ऐसे में यहां हम कैल्शियम की कमी के 5 लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने बच्चे को हेल्दी रखने लिए उपायों को तुरंत कर सकते हैं-
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हड्डियों और दांतों में कमजोरी
कैल्शियम की कमी से हड्डियां और दांत कमजोर हो सकते हैं. बच्चों में, इसका प्रभाव हड्डियों की वृद्धि पर भी पड़ सकता है, जिससे हड्डियां पतली और नाजुक हो सकती हैं. दांतों में दर्द, कैविटी या दांतों का जल्दी खराब होना भी कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है.
मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन
कैल्शियम की कमी के कारण बच्चों में मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन या खिंचाव की समस्या हो सकती है. यह स्थिति विशेष रूप से रात के समय अधिक गंभीर हो सकती है, जिससे बच्चे नींद में विघ्न और चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं.
विकास में रुकावट
कैल्शियम की कमी से बच्चों के सामान्य शारीरिक विकास में रुकावट आ सकती है. यदि कैल्शियम की कमी की स्थिति जारी रहती है, तो बच्चों की लंबाई और वजन में वृद्धि धीमी हो सकती है. इसके अलावा, विकास की अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं भी प्रभावित हो सकती हैं.
त्वचा में खुजली और सूखापन
कैल्शियम की कमी त्वचा पर भी प्रभाव डाल सकती है, जिससे त्वचा रूखी और खुजलीदार हो सकती है. बच्चे की त्वचा पर चकत्ते या सूजन भी हो सकती है, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि उनके शरीर में कैल्शियम की कमी हो रही है.
चिड़चिड़ापन
कैल्शियम की कमी बच्चों की मानसिक स्थिति और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है. इससे चिड़चिड़ापन, चिंता, और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. कुछ मामलों में, यह बच्चे की सीखने की क्षमता और व्यवहार पर भी असर डाल सकता है.
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कैल्शियम की कमी से बचाव के टिप्स-
- बच्चों की डाइट में दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, और नट्स शामिल करें.
- कैल्शियम की बेहतर अवशोषण के लिए विटामिन डी की भी आवश्यकता होती है, इसलिए धूप में समय बिताना और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
- यदि आपको कैल्शियम की कमी के लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से परामर्श करें और उचित जांच कराएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.