वेट लॉस सिर्फ जिम या डाइट से नहीं किया जा सकता है. इसके लिए आपके बॉडी की जरूरत को समझना जरूरी है. यही कारण है कि कुछ लोग जहां महीने में 5 किलो घटा लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग जिम और डाइटिंग के बाद भी महीनों तक एक इंच भी कम नहीं कर पाते हैं.
ऐसे में अगर आप घंटों वर्कआउट करते हैं, डाइट कंट्रोल में रखते हैं, लेकिन फिर भी वजन कम नहीं हो रहा या शरीर में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा तो इसका कारण आपका धीमा मेटाबॉलिज्म हो सकता है. इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती न करें.
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क्या होता है मेटाबॉलिज्म
मेटाबॉलिज्म वह प्रक्रिया है जिससे शरीर खाना पचाकर उसे ऊर्जा में बदलता है. जब यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है, तो शरीर कम कैलोरी जलाता है और फैट जमा होने लगता है. इससे न केवल वजन कम करना मुश्किल होता है, बल्कि थकान, पाचन संबंधी समस्या और हार्मोनल असंतुलन जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं.
स्लो मेटाबॉलिज्म के लक्षण
- सबसे पहला और बड़ा संकेत है कि आप चाहे जितनी मेहनत कर लें, वजन घटता ही नहीं.
- यदि बिना ज्यादा मेहनत किए भी हर समय थकान और सुस्ती महसूस होती है, तो इसका कारण धीमा मेटाबॉलिज्म हो सकता है.
- स्लो मेटाबॉलिज्म का सीधा असर पाचन पर पड़ता है. अगर आपको बार-बार कब्ज, गैस, पेट भारी लगना या खाना देर से पचने की शिकायत रहती है, तो यह मेटाबॉलिज्म स्लो होने का संकेत हो सकता है.
- आपको अगर दूसरों की तुलना में ज्यादा ठंड लगती है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपका शरीर कम गर्मी (ऊर्जा) पैदा कर रहा है, जो स्लो मेटाबॉलिज्म का नतीजा हो सकता है.
- शरीर का मेटाबॉलिक सिस्टम अगर सुस्त हो जाए, तो पोषक तत्वों का सही तरीके से उपयोग नहीं होता. इसका असर आपकी त्वचा और बालों पर दिखता है. इससे त्वचा रूखी हो जाती है, बाल टूटने लगते हैं और चमक खो जाती है.
उपाय
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए भरपूर पानी पिएं, प्रोटीन से भरपूर भोजन लें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, 7-8 घंटे की नींद लें, इसके अलावा दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट से करें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.