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एंटी-एजिंग के लिए Bryan Johnson ने खून से रिमूव करवा दिया सारा प्लाज्मा, जानें क्या है TPE Therapy


What Is TPE Therapy: जिंदगी भर जवान रहना नामुमकिन है. लेकिन CEO ब्रायन जॉनसन इसे मुमकिन करने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने इसके लिए टीपीई थेरेपी भी करवाया है.   

एंटी-एजिंग के लिए Bryan Johnson ने खून से रिमूव करवा दिया सारा प्लाज्मा, जानें क्या है TPE Therapy
Sharda singh|Updated: Oct 16, 2024, 08:07 PM IST
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47 साल के अमेरिकी बिजनेसमैन ब्रायन जॉनसन कभी बूढ़ा नहीं होना चाहते हैं. वह अपनी एज को रिवर्स करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करते हैं. इन्होंने अपनी जवानी को बरकरार रखने के लिए 17 साल के बेटे का खून भी अपने शरीर में इंजेक्ट करवाया है. इसके साथ ही वह हर दिन 110 गोलिया और सोते समय सर पर लाल लाइट वाली एक स्पेशल कैप पहनकर सोते हैं. इसके अलावा हेल्दी वेजिटेरियन डाइट और एक्सरसाइज उनके रूटीन का अहम हिस्सा है. 

इससे आप समझ ही गए होंगे कि यह ब्रायन एजिंग को लेकर कितने ऑब्सेस हैं, लेकिन उनकी हमेशा जवान रहने की कोशिश सिर्फ यही तक सीमित नहीं है. हाल ही में उन्होंने TPE थेरेपी से अपने खून से सारा प्लाज्मा निकलवा दिया है. जॉनसन का मानना है कि यह प्रक्रिया उन्हें युवा बनाए रखने में मदद कर सकती है. 

 

क्या है TPE थेरेपी?

टीपीई (Total Plasma Exchange) थेरेपी एक मेडिकल प्रोसेस है, जिसमें खून से सारा प्लाज्मा रिमूव कर दिया जाता है और इसकी जगह इसका सब्सटीट्यूट इंजेक्ट कर दिया जाता है. ब्रायन ने प्लाज्मा को एल्बुमिन से रिप्लेस करवाया है, यह खून में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है.

क्या है थेरेपी का उद्देश्य

इसका मुख्य उद्देश्य शरीर से क्रॉनिक बीमारी और हानिकारक तत्वों को बाहर निकालना और नए तत्वों को शामिल करना है. इस थेरेपी का दावा है कि यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है और शरीर के कई कार्यों को सुधार सकती है.

अपने प्लाज्मा से बढ़ा दी पिता की उम्र

ब्रायन ने X पर किए पोस्ट में यह बताया कि जब मेरे पिता को मेरा 1 लीटर प्लाज्मा मिला तो उनकी उम्र बढ़ने की गति 25 साल कम हो गई और छह महीने तक इसी तरह बनी रही. हम नहीं जानते कि यह मेरे सुपर प्लाज्मा से था या उनके प्लाज्मा को हटाने से लेकिन फिर भी परिणाम दिलचस्प हैं.

टीपीई थेरेपी से क्या सच में एंटी-एजिंग है?

यदि प्रक्रिया के दौरान उचित सावधानियां नहीं बरती जाती हैं, तो संक्रमण हो सकता है. नई प्लाज्मा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है कि प्रक्रिया कितनी प्रभावी होगी. अभी तक इस थेरेपी के दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में पर्याप्त अध्ययन नहीं हुए हैं.

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