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दिल्ली में हीटवेव का अटैक! मौसम विभाग ने बजाई खतरे की घंटी, न करें ये गलतियां वरना हीट स्ट्रोक ले सकता है जान

राजधानी दिल्ली समेत पूरा एनसीआर इस समय भीषण गर्मी और लू की दोहरी मार झेल रही है. तापमान लगातार चढ़ रहा है और हाल ही में शहर ने इस सीजन के पहले हीटवेव का सामना किया, जब पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया.

दिल्ली में हीटवेव का अटैक! मौसम विभाग ने बजाई खतरे की घंटी, न करें ये गलतियां वरना हीट स्ट्रोक ले सकता है जान
Shivendra Singh|Updated: Apr 08, 2025, 10:18 PM IST
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राजधानी दिल्ली समेत पूरा एनसीआर इस समय भीषण गर्मी और लू की दोहरी मार झेल रही है. तापमान लगातार चढ़ रहा है और हाल ही में शहर ने इस सीजन के पहले हीटवेव का सामना किया, जब पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. मौसम विभाग (IMD) ने स्थिति को देखते हुए 'येलो अलर्ट' जारी किया है, जो इस बात का संकेत है कि गर्मी का प्रकोप अभी जारी रहेगा और सभी को बेहद सावधान रहने की जरूरत है.

यह सिर्फ तेज धूप और पसीने वाली गर्मी नहीं है, बल्कि लू और हीटवेव का यह 'डबल अटैक' सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है, जिसमें सबसे बड़ा खतरा 'हीट स्ट्रोक' (लू लगना) है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को आगाह किया है और कुछ आम गलतियों से बचने की सख्त हिदायत दी है, ताकि इस जानलेवा गर्मी के प्रकोप से बचा जा सके.

किन्हें है ज्यादा खतरा और क्या हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण?
स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के अनुसार, भीषण गर्मी और लू का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, खुले में काम करने वाले मजदूरों (जैसे निर्माण श्रमिक, किसान) और पहले से किसी गंभीर बीमारी (जैसे दिल की बीमारी, सांस की समस्या, डायबिटीज) से जूझ रहे लोगों को होता है. हीट स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है ताकि समय पर इलाज मिल सके. इन लक्षणों में शामिल हैं: बहुत तेज बुखार, चक्कर आना या बेहोशी, त्वचा का बेहद गर्म, लाल और सूखा महसूस होना, उल्टी आना, मसल्स में तेज दर्द या ऐंठन, सांस लेने में दिक्कत और भ्रम की स्थिति पैदा होना. कुछ गंभीर मामलों में पीड़ित को दौरे भी पड़ सकते हैं या वह पूरी तरह बेहोश हो सकता है. ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टरी सहायता लें.

गर्मी से बचाव: क्या करें और क्या न करें
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सबसे जरूरी है शरीर में पानी की कमी न होने देना. प्यास न भी लगी हो, तो भी नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें. बाहर जाते समय पानी की बोतल जरूर साथ रखें. साफ पानी (उबला हुआ या RO फिल्टर वाला) ही पिएं.
ऐसे मौसमी फल और सब्जियां खाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे - तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, संतरा, नींबू आदि. ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं.
कोशिश करें कि दिन के सबसे गर्म समय यानी दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर के अंदर ही रहें.
अगर बाहर निकलना जरूरी हो, तो हल्के रंग के, ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें. सिर को कपड़े, टोपी या छाते से ढककर रखें. धूप के चश्मे का प्रयोग करें.
दिन के ठंडे समय (सुबह-शाम) में घर की खिड़कियां खोलकर हवा आने दें, लेकिन तेज धूप के समय खिड़की-दरवाजे और पर्दे बंद रखें ताकि घर गर्म न हो.
ज्यादा प्रोटीन वाला और तला-भुना, मसालेदार भोजन करने से बचें. चाय, कॉफी, शराब और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कम से कम करें, क्योंकि ये शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं. इनकी जगह घर पर बने पेय जैसे नींबू पानी, लस्सी, छाछ, आम पन्ना आदि पिएं.
कभी भी बच्चों या बुजुर्गों को बंद, पार्क की हुई गाड़ी में अकेला न छोड़ें. खड़ी गाड़ी के अंदर का तापमान बहुत तेजी से बढ़कर खतरनाक हो सकता है.

(इनपुट- न्यूज एजेंसी पीटीआई)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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