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डायबिटीज पेशेंट्स सावधान! ये दवा दिल को पहुंचा सकती है नुकसान, रिसर्च में हुआ खुलासा

 डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए दवाएं लेना आम बात है, लेकिन हाल ही में आई एक रिसर्च ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिसर्च के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एक लोकप्रिय दवा दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. लंबे समय तक इसका सेवन करने से हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. आइए जानते हैं कौन सी है ये दवा और रिसर्च में क्या हुआ खुलासा.  

डायबिटीज पेशेंट्स सावधान! ये दवा दिल को पहुंचा सकती है नुकसान, रिसर्च में हुआ खुलासा
Updated: Jul 26, 2025, 01:01 PM IST
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Diabetes: एक रिसर्च में दावा किया गया है कि अमेरिका में टाइप 2 डायबिटीज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा ग्लिपिजाइड दिल को नुकसान पहुंचा सकती है. मास जनरल ब्रिघम के रिसर्चर्स ने लगभग 50,000 मरीजों का डेटा देखा, जो अलग-अलग सल्फोनीलुरिया दवाएं ले रहे थे. उन्होंने पाया कि ग्लिपिजाइड लेने वालों में दिल की बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मौत का खतरा डाई पेप्टिडाइल पेप्टिडेज-4 (डीपीपी-4) दवाओं के मुकाबले ज्यादा था. इस रिसर्च के रिजल्ट जामा नेटवर्क ओपन नाम की मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हैं.
ब्रिघम एंड विमेन्स हॉस्पिटल (बीडब्ल्यूएच) के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के लेखक अलेक्जेंडर टर्चिन ने कहा कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट जैसी दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है.
उन्होंने आगे कहा कि सल्फोनीलुरिया दवाएं सस्ती और लोकप्रिय हैं, लेकिन इनके लंबे समय तक दिल पर क्या असर पड़ता है, इसकी जानकारी कम है. दूसरी ओर, डीपीपी-4 इनहिबिटर जैसी दवाएं दिल के लिए ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं. टाइप 2 डायबिटीज एक आम बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है. इस बीमारी से जुड़े मरीजों में दिल की गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए इन बीमारियों से बचाव भी जरूरी होता है.

रिसर्च में 48,165 टाइप 2 डायबिटीज मरीजों को शामिल किया गया, जिनका दिल का खतरा मध्यम था और जो देश के 10 अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे थे. रिसर्च में पाया गया कि मरीज जो मेटफॉर्मिन के साथ सल्फोनीलुरिया या डीपीपी-4 इनहिबिटर ले रहे थे, उनमें पांच साल तक दिल की बीमारियों का खतरा कैसा था.
नतीजे में पता चला कि ग्लिपिजाइड लेने वालों में दिल की बीमारी का खतरा डीपीपी-4 इनहिबिटर के मुकाबले 13 प्रतिशत ज्यादा था, जबकि ग्लिमेपिराइड और ग्लायबुराइड के प्रभाव कम स्पष्ट थे.

रिसर्चर्स ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी आवश्यक है कि आखिर ग्लिपिजाइड दिल पर ज्यादा बुरा असर क्यों डालती है.
(आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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