GERD: हाल ही में फेमस वेब सीरीज पंचायत में नजर आए दामाद जी यानी आसिफ खान से जुड़ी खबर सामने आई कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. लेकिन एक्टर आसिफ खान ने खुद इसको लेकर जानकारी शेयर की है. आसिफ ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक नहीं आया था, बल्कि उन्हें गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) हुआ था, जिसके लक्षण हार्ट अटैक जैसे ही लग रहे थे. एक्टर आसिफ अपने होमटाउन राजस्थान से मुंबई जा रहे थे. उसी शाम उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वे बाथरूम में बेहोश हो गए, जिसके बाद तुरंत उन्हे हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां मेडिकल टेस्ट में सामने आय़ा कि उन्हें हार्ट अटैक नहीं बल्कि एसिड रिफ्लक्स की गंभीर समस्या हुई है.
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में ज्यादातर लोग अनियमित समय पर भारी खाना खाते हैं, जिससे उन्हें रात में तेज एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न होता है. कई बार इसके लक्षण हार्ट अटैक जैसे लगते हैं, इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल जाना जरूरी होता है.
जानिए क्या है GERD
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) एक डाइजेशन से जुड़ी समस्या है, जिसमें पेट का एसिड बार-बार भोजन नली में आने लगता है. इससे सीने में जलन, खट्टी डकारें और बेचैनी जैसी समस्याएं होने लगती हैं. कभी-कभार एसिड रिफ्लक्स होना सामान्य बात है, अगर यह समस्या बार बार होतो सावधान हो जाना चाहिए. यह GERD हो सकता है.
हार्टबर्न और हार्ट अटैक में कैसे करें फर्क?
हार्टबर्न आमतौर पर भारी खाना खाने के बाद होता है. इसमें सीने और पेट के ऊपरी हिस्से में जलन होती है. कई बार तो ये दवा लेने से ठीक हो जाते हैं. लेकिन अगर ये दर्द 15 मिनट से ज्यादा बना रहे, समस्या कम न हो, बेचैनी या घबराहट महसूस हो, तो यह हार्ट अटैक भी हो सकता है.
क्या हार्टबर्नव हो सकता है हार्ट अटैक का लक्षण?
कई बार देखा गया है कि हार्ट अटैक का दर्द बाईं ओर नहीं होता, बल्कि सीने के बीच में जलन के रूप में होता है. यह दर्द गर्दन, जबड़े, पीठ, दांत, कंधे तक फैल सकता है और पसीना भी आ सकता है. ऐसे में लोग इसे एसिडिटी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह ब्लॉकेज के कारण हार्ट तक ब्लड फ्लो रुकने का संकेत भी हो सकता है. इसलिए जब भी ऐसा हो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
क्यों जरूरी है इमरजेंसी में जाना?
कई बार ऐसी समस्या होने पर क्लिनिक ECG टेस्ट न करवाकर इसे गैस की समस्या बता देते हैं. लेकिन असली स्थिति जानने के लिए ECG और ट्रोपोनिन टेस्ट कराना बहुत जरूरी होता है, जो हार्ट मसल डैमेज की जानकारी देता है. साथ ही डॉक्टर पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री और खतरों जैसे हाई BP, डायबिटीज, मोटापा, फैमिली हिस्ट्री को देखकर सही इलाज करते हैं. ऐसे मामलों को उतनी ही गंभीरता से लेना चाहिए, जितनी हार्ट अटैक के मामलों को लिया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.