Yoga Should Change with Changing Weather: योग यानी कुछ ऐसे आसन, जो बॉडी और ब्रेन को हेल्दी रखती है. मौसम कोई भी हो, इसके आसन हमें हेल्दी रखने में मददगार साबित होते हैं. अब जबकि मौसम बदल रहा है, तो सवाल उठता है कि क्या जो आसन और प्राणायाम हम ठंड के मौसम में कर रहे थे, वही कंटिन्यू रखना चाहिए या फिर योग भी कहता है कि बदलते मौसम के साथ आचार-व्यवहार में बदलाव जरूरी है. जाने-माने योग गुरु शैलेंद्र ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि हां, बदलते मौसम के साथ योगासन भी बदलता है.
बदलते मौसम में बदलती चाहिए योग
सवाल यही उठता है कि आखिर कौन से योग करें कि दिमाग और शरीर को ठंडक मिले. योग गुरु बताते हैं कि मौसम के अनुसार आसन का चुनना जरूरी होता है. ऐसे आसन जो गर्मी में आपके ब्रेन और शरीर को ठंडा रखें. जैसे हमारे खान-पान में बदलाव जरूरी है, वैसे ही व्यायाम में भी. जैसे शीतली, शीतकारी जैसे योगासन शरीर को ठंडा और शांत रखने में प्रभावकारी होते हैं.
शीतली, शीतकारी, भ्रामरी और शवासन
योगासन को लेकर रचे गए प्रमुख ग्रंथ योगसूत्र और योगभाष्य में आसन और प्राणायाम का जिक्र है. इसमें शीतली, शीतकारी, भ्रामरी और शवासन, अभ्यास में शामिल किए जाने का सलाह दी गई है. हालांकि इन आसनों को अपने डेली प्रैक्टिस का हिस्सा बनाने से पहले स्किल्ड योग गुरु की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
उम्र, मर्ज और जेंडर से खास प्रिकॉशन बरतनी चाहिए
योग गुरु शैलेंद्र कहते हैं कि उम्र, मर्ज और जेंडर के हिसाब से कुछ खास प्रिकॉशन बरतनी चाहिए और बदलाव के अनुसार इन्हें शामिल करना चाहिए. खास ध्यान नियम का भी रखना चाहिए. जैसे बेहतर परिणामों के लिए सुबह का वक्त सबसे उपयुक्त होता है. आसन खाली पेट ही करना श्रेयस्कर है और अगर सुबह संभव न हो, तो अभ्यास से 3 घंटे पहले कुछ न खाएं या पेट खाली रखें.
--आईएएनएस
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.