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Fatty Liver: फैटी लिवर की बीमारी कितनी खतरनाक है? जानिए स्टेज 1 से स्टेज 4 तक का फर्क

आजकल बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों के चलते फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. यह बीमारी लिवर में ज्यादा फैट जमा होने से होती है, जिससे लिवर का काम प्रभावित होता है.

Fatty Liver: फैटी लिवर की बीमारी कितनी खतरनाक है? जानिए स्टेज 1 से स्टेज 4 तक का फर्क
Shivendra Singh|Updated: May 06, 2025, 05:46 PM IST
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आजकल बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों के चलते फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. यह बीमारी लिवर में ज्यादा फैट जमा होने से होती है, जिससे लिवर का काम प्रभावित होता है. कई बार यह बिना लक्षणों के शुरू होती है, लेकिन समय रहते इलाज न हो तो यह गंभीर रूप ले सकती है.

फैटी लिवर को मुख्य रूप से दो प्रकार में बांटा जाता है. पहला अल्कोहलिक फैटी लिवर (शराब के सेवन से) और दूसरा नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर (ज्यादातर मोटापा, डायबिटीज, खराब खानपान और सुस्त लाइफस्टाइल के कारण). नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर आजकल युवाओं में भी तेजी से देखा जा रहा है.

फैटी लिवर के स्टेज

स्टेज 1: स्टीएटोसिस (Steatosis)
यह फैटी लिवर का शुरुआती चरण होता है जिसमें लिवर में चुपचाप फैट जमा होने लगता है. आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन अगर समय रहते सुधार नहीं किया गया तो आगे बढ़ सकता है. इस स्टेज पर लाइफस्टाइल में बदलाव और हेल्दी डाइट से बीमारी को पूरी तरह पलटा जा सकता है.

स्टेज 2: नॉन-अल्कोहलिक स्टीएटोहेपेटाइटिस (NASH)
इस चरण में फैट के साथ-साथ लिवर में सूजन भी शुरू हो जाती है. लक्षण जैसे थकान, हल्का पेट दर्द या असहजता महसूस हो सकती है. यह स्टेज खतरे की घंटी होती है, क्योंकि सूजन लिवर के सेल्स को नुकसान पहुंचा सकती है.

स्टेज 3: फाइब्रोसिस (Fibrosis)
इस स्टेज में लिवर की सूजन के कारण वहां स्कार टिशू (घाव जैसे निशान) बनने लगते हैं. लिवर अभी भी काम करता रहता है, लेकिन नुकसान बढ़ रहा होता है. यह स्थिति पूरी तरह से उलटी नहीं जा सकती, लेकिन धीमा जरूर किया जा सकता है.

स्टेज 4: सिरोसिस (Cirrhosis)
यह सबसे गंभीर अवस्था होती है, जहां लिवर का काफी हिस्सा डैमेज हो चुका होता है. इस स्टेज पर लिवर फेलियर, कैंसर या जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसमें रोगी को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत तक पड़ सकती है.

बचाव ही सबसे बेहतर इलाज
फैटी लिवर से बचने का सबसे आसान उपाय है- नियमित व्यायाम, बैलेंस डाइट, शराब से परहेज और समय-समय पर मेडिकल जांच. अगर फैटी लिवर की पहचान शुरुआती स्टेज में हो जाए, तो इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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