हमारे रोजमर्रा के जीवन में तौलिये का उपयोग बहुत आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह तौलिया जो आप नहाने के बाद इस्तेमाल करते हैं, उसमें बैक्टीरिया भी हो सकते हैं? एक तौलिया जो कई बार इस्तेमाल हो चुका होता है, उसमें न केवल हमारी त्वचा से जुड़े बैक्टीरिया जमा होते हैं, बल्कि अन्य सूक्ष्मजीव भी चिपके रह सकते हैं. यह समस्या और भी बढ़ जाती है, जब तौलिये को सही समय पर धोया नहीं जाता है.
हाल ही में सीएबीआई डिजिटल लाइब्रेरी ने 100 लोगों पर एक स्टडी की, जिसमें पाया कि एक तिहाई लोग अपने तौलिये को महीने में सिर्फ एक बार धोते हैं, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे हफ्ते में एक बार धोने की सलाह देते हैं. ऐसे में इस लेख की मदद से आप जान सकते हैं कि शरीर से पानी को पोंछने वाला एक टॉवेल आपके सेहत को किस तरह से प्रभावित कर सकता है.
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तौलिये में बैक्टीरिया और वायरस का खतरा
हमारे शरीर पर कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस होते हैं, जो नॉर्मली हानिकारक नहीं होते, लेकिन जब ये तौलिये के जरिए फैलते हैं, तो ये संक्रमण का कारण बन सकते हैं. प्रोफेसर एलिज़ाबेथ स्कॉट अमेरिका में बोस्टन की सिमन्स यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी की प्रोफेसर और हाइजीन एंड हेल्थ सेंटर की को-डायरेक्टर हैं, के अनुसार बैक्टीरिया स्वाभाविक रूप से तौलिये पर जमा नहीं होते, बल्कि हमारी त्वचा से या आसपास के वातावरण से ये आते हैं. लेकिन एक बार तौलिये पर ये बैक्टीरिया जमा हो जाएं, तो वे लगातार बढ़ते रहते हैं, खासकर जब तौलिया गीला होता है.
टॉवेल की सफाई जरूरी
स्टडी बताते हैं कि यदि तौलिया नियमित रूप से नहीं धोया जाता, तो वह कई प्रकार के बैक्टीरिया, जैसे कि स्टैफिलोकोकस, ई. कोलाई, और साल्मोनेला का कारण बन सकता है. इन बैक्टीरिया से पेट की समस्याएं और संक्रमण हो सकते हैं. प्रोफेसर एलिजाबेथ स्कॉट के अनुसार, हफ्ते में एक बार तौलिया धोना बेहतर होता है, लेकिन अगर कोई बीमार हो तो उसे रोज तौलिया धोना चाहिए.
मुहांसो और मस्सों की वजह गंदा तौलिया
कुछ अध्ययन यह भी कहते हैं कि ह्यूमन पैपिलोमा वायरस जो कि मुहांसों और मस्सों की वजह होते हैं, वह भी साझा किए गए तौलियों से फैल सकते हैं. इसलिए किसी ओर के तौलिए को यूज करने से बचना चाहिए.
तौलिया धोने के सही तरीके
तौलिये को धोते वक्त यह ध्यान रखना जरूरी है कि गर्म पानी (40-60 डिग्री सेल्सियस) और अच्छे डिटर्जेंट का इस्तेमाल किया जाए, ताकि बैक्टीरिया पूरी तरह से मर सकें. प्रोफेसर स्कॉट का कहना है कि एंटीमाइक्रोबियल डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना भी बेहतर है. हालांकि, ठंडे पानी में भी तौलिये धोए जा सकते हैं, लेकिन इस दौरान एंजाइम या ब्लीच का इस्तेमाल बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.