माइग्रेन एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. सर्दियों में माइग्रेन के मरीजों की समस्या और बढ़ जाती है. ऐसे में राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय के रूप में काली मिर्च का सेवन बेहद कारगर साबित हो सकता है.
माइग्रेन का दर्द कुछ मिनटों से लेकर कई दिनों तक बना रह सकता है. यह तेज रोशनी, शारीरिक गतिविधियों या तेज आवाज से बढ़ सकता है. दर्द के साथ उल्टी, चक्कर और सूजन जैसी समस्याएं भी माइग्रेन के मरीजों को परेशान कर सकती हैं. दर्द अक्सर सिर के एक तरफ शुरू होता है और गर्दन, कंधे, पीठ या हाथों तक फैल सकता है.
काली मिर्च: माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद के अनुसार, काली मिर्च केवल एक मसाला नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर एक जड़ी-बूटी है. पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी के अनुसार, माइग्रेन से राहत पाने के लिए काली मिर्च का सेवन फायदेमंद हो सकता है. डॉ. प्रमोद बताते हैं कि माइग्रेन के मरीजों को दर्द शुरू होने से पहले ही इसे रोकने के उपाय अपनाने चाहिए. ऐसे में, दो या तीन काली मिर्च को चबाना बेहद कारगर होता है. काली मिर्च में पाए जाने वाला 'पिपेरिन' नामक एंजाइम सूजन को कम करता है और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है.
कैसे करें काली मिर्च का सेवन?
माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए 2-3 काली मिर्च को धीरे-धीरे चबाएं. इससे न केवल माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा, बल्कि शरीर को भी गर्मी मिलेगी. डॉ. प्रमोद के अनुसार, काली मिर्च की तासीर गर्म होती है. इसलिए इसका अधिक सेवन करने से नाक से खून आ सकता है या अन्य समस्याएं हो सकती हैं. इसे दिन में 2-3 बार से अधिक न खाएं.
काली मिर्च के अन्य फायदे
काली मिर्च जुकाम, खांसी, वायरल संक्रमण और फेफड़ों से संबंधित समस्याओं में भी फायदेमंद है. इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण माइग्रेन के अलावा अन्य सूजन संबंधी समस्याओं में भी राहत पहुंचाते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.