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'घोड़े के कान' से पेट की मरम्मत! कन्फ्यूजन में मत रहिए, वो भूसी बेचने में भारत टॉप पर

Isabgol ki Bhusi ke Fayde: धान की भूसी तो आपने देखी ही होगी. एक और भूसी के बारे में भी शायद सुना हो आपने. खाया भी हो. हां इसबगोल. नाम दिलचस्प और काम भी. यह विदेशी चीज कही जाती थी लेकिन आज भारत इसे बेचने में मास्टरी हासिल कर चुका है. 

'घोड़े के कान' से पेट की मरम्मत! कन्फ्यूजन में मत रहिए, वो भूसी बेचने में भारत टॉप पर
Anurag Mishra|Updated: Mar 21, 2025, 11:16 AM IST
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कई सालों से टीवी पर विज्ञापनों के जरिए या फिर सेहत पर होने वाली चर्चाओं में हम एक भूसी के बारे में सुनते आए हैं. मूल रूप से ये पर्शिया की है लेकिन भारत ने भी इसके निर्यात में इतिहास बना दिया है. हां, सही पकड़े हैं! इसका नाम है इसबगोल. जितना रोचक नाम है, उतनी ही रोचक इसकी कहानी है.

कम लोगों को पता होगा कि इसके नाम की कहानी 'घोड़े के कान' से जुड़ी है. दरअसल, फारसी में इसबगोल का मतलब ही होता है घोड़े का कान. चूंकि इसकी पत्तियों का आकार कुछ वैसा ही होता है इसलिए नाम पड़ गया इसबगोल. इसका पौधा एक मीटर तक ऊंचा होता है. पत्ते लंबे और कम चौड़े, धान के पत्तों की तरह दिखते हैं.

भूसी बेचने में मास्टरी

अब क्योंकि फारसी में इसबगोल का अर्थ समझ में आता है इसलिए मान लिया गया कि इसकी पैदावार पर्शिया (ईरान) में ही हुई होगी. आज नहीं, सैकड़ों वर्षों से इसका प्रयोग पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के लिए होता रहा है. अब रोचक बात इसके निर्यात को लेकर है. भले ही ईरान में इसका जन्म हुआ हो, लेकिन भारत ने इसकी भूसी को सबसे ज्यादा बाहर बेचने में महारत हासिल कर ली है. गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में इसका उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता है.
 
इसका साइंटिफिक नाम 'प्लांटैगो ओवाटा' है. एक नाम 'साइलियम हस्क' भी है. इस हस्क यानि भूसी को प्रयोग करने की सलाह डॉक्टर या वैद्य लंबे समय से देते आए हैं. प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों की राय है कि इसका सही से प्रयोग किया जाए, तो वेट लॉस में भी मदद मिलती है. इस्तेमाल से पहले चिकित्सीय सलाह की बात भी कही जाती है. वैसे तो इसका सेवन आमतौर पर सुरक्षित होता है लेकिन कुछ सावधानियां तो बरतनी ही पड़ती हैं- जैसे, खूब पानी पीना चाहिए.

इसबगोल भूसी का सेवन शरीर में ब्लड शुगर का स्तर घटा सकता है, इसलिए अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह महत्वपूर्ण है. अगर आप लंबे समय तक इसबगोल का सेवन करते हैं, तो शरीर में कुछ मिनरल्स और विटामिंस का अवशोषण धीमा हो सकता है.

ध्यान रखें

इसके सेवन से हृदय बेहतर होता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है, डायरिया और गैस बनाने की समस्या से राहत मिलती है, बालों का विकास होता है, त्वचा साफ और सुंदर बनती है. नियमित रूप से इसबगोल का सेवन करना आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इसबगोल के फायदे और नुकसान दोनों हैं. अगर आप इसका सेवन करने जा रहे हैं, तो अधिकाधिक मात्रा में पानी पिएं, वरना यह पेट और गले संबंधित कई दिक्कतों को जन्म दे सकता है. इसके अलावा, अगर आप डायबिटिक हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन न करें. (आईएएनएस)

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