Curd For Acidity: एसिडिटी एक कॉमन प्रॉब्लम है जिसका सामना आपने जिंदगी में कई बार किया होगा. चाहे वो आपकी छाती में जलन हो या मुंह में कड़वा स्वाद, जाहिर तौर पर ये आपके दिन को खराब कर सकता है. एसिडिटी अक्सर मसालेदार भोजन, स्ट्रेस या अनियमित खान-पान की आदतों के कारण होती है, जिससे पेट का एसिड फूड पाइप में वापस बहने लगता है.
एसिडिटी में दही
जब ऐसा होता है, तो लोग राहत के लिए अक्सर घरेलू नुस्खे का सहारा लेते हैं. सबसे पॉपुलस आइडियाज में से एक है दही खाना, क्योंकि इसका इफेक्ट कूलिंग माना जाता है, लेकिन क्या इससे सच में एसिडिटी जैसी परेशानी का हल निकल आता है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं.
दही का असर
मशहूर डाइटीशियन आयुषी यादव (Ayushi Yadav) ने बताया कि कई लोगों का मानना है कि दही एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन ये असल में उल्टा काम कर सकता है. दही का खट्टा और फर्मेंटेड नेचर शरीर की गर्मी के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है और एसिड रिफ्लक्स को और बढ़ा सकता है.
एसिडिटी (Acidity) का एहसास करते समय दही खाने से बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ सकता है और आंत में फर्मेंटेशन बढ़ सकता है, जिससे ज्यादा डिसकंफर्ट फील हो सकता है. जिस चीज से आप राहत हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं, बेहद मुमकिन है कि वो आपके लिए आफत का सबब बन जाए.
क्या है बेहतर ऑप्शन?
अगर आप दही खाने के बावजूद एसि़डिटी फील करते हैं, तो ऐसे में डाइटीशियन आयुषी सलाह देती हैं कि आप इसके बजाए छाछ पीना शुरू करते हैं. ये कूल ड्रिंक लाइट नेचर का होता है जिसमें कूल प्रॉपर्टीज पाई जाती है. छाछ से डाइजेशन बेहतर और डिसकंफर्ट कम किया जा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.