प्राकृतिक चिकित्सा की दुनिया में एक ऐसा पौधा है जिसे किडनी स्टोन ब्रेकर के नाम से जाना जाता है और वो है भुंई आंवला (Bhumi Amla). इसका वैज्ञानिक नाम फिलैंथस निरुरी है और यह सदियों से आयुर्वेद में एक प्रमुख औषधि के रूप में इस्तेमाल होता आ रहा है. भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, अमेजन रेनफॉरेस्ट और चीन जैसे ट्रॉपिकल क्षेत्रों में पाया जाने वाला यह छोटा सा पौधा किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी से छुटकारा पाने का एक बेहतरीन और नेचुरल उपाय है.
किडनी स्टोन यानी गुर्दे में बनने वाली कैल्शियम ऑक्सलेट की कठोर परतें अक्सर तेज दर्द, पेशाब में रुकावट और संक्रमण का कारण बनती हैं. पर भुंई आंवला में मौजूद ऐसे नेचुरल तत्व हैं, जो इन स्टोन्स को बनने से रोकते हैं और पहले से मौजूद स्टोन्स को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर बाहर निकालने में मदद करते हैं.
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित एक अध्ययन उसके अनुसार भुंई आंवला के अर्क से कैल्शियम ऑक्सलेट क्रिस्टल्स के निर्माण और उनके जुड़ने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सकती है. यह न केवल स्टोन के आकार को घटाता है, बल्कि उसके टेक्सचर को भी बदल देता है, जिससे वह आसानी से पेशाब से बाहर निकल सके.
कई बीमारियों में फायदेमंद
भुंई आंवला में प्रोटीन, विटामिन ए, बी6, डी, के और ई के साथ-साथ कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक जैसे कई जरूरी खनिज होते हैं. इसकी औषधीय विशेषताओं के चलते यह ब्रोंकाइटिस, त्वचा रोग, डायबिटीज, लिवर की सूजन, खांसी और एनीमिया जैसी बीमारियों में भी कारगर माना गया है. यह पाचन क्रिया को सुधारने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में भी मदद करता है.
कैसे करें उपयोग?
* जूस या काढ़ा: रोज सुबह खाली पेट भुंई आंवला के पत्तों या तने से बना जूस या काढ़ा पीना किडनी स्टोन और लिवर डिटॉक्स के लिए बेहद लाभदायक होता है.
* पाउडर: सूखे पत्तों का पाउडर आधा चम्मच दिन में दो बार गुनगुने पानी से लें.
* लेप: त्वचा रोगों के लिए भुंई आंवला का पेस्ट सीधे प्रभावित जगह पर लगाया जा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.