आज के समय में Gen Z को इंटरनेट का किंग माना जाता है. जेन-जी पीढ़ी टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हैं. टेक्नोलॉजी में किसी भी बदलाव को Gen Z बहुत जल्दी सीख जाते हैं वहीं वह टेक्नोलॉजी का यूज प्रोफेशनल के तौर पर करते हैं. जेन-जी ना केवल दिमाग तेज हैं बल्कि इनकी उंगलियां भी काफी तेज काम करती है. इंटरनेट के दौर में जन्में बच्चें लैपटॉप और मोबाइल फोन पर काफी तेज उंगलियां चालते हैं. जेन-जी मोबाइल और लैपटॉप पर किसी भी जानकारी के बारे में पलक झपकते पता कर सकते हैं. इंटरनेट किंग होने के बाद भी कंपनी जेन-जी को नौकरी क्यों नहीं देना चाहती है.
कंपनी क्यों नहीं देना चाहती नौकरी
जेन-जी जनरेशन को लेकर इंटेलिजेंट डॉट कॉम सर्वे के अनुसार हायरिंग मैनेजर जेन-जी को नौकरी देने से बच रहे हैं. दरअसल कंपनियों का कहना है कि वह यंग लोगों के स्किल्स, काम के लिए उनका बेपरवाह व्यवहार उन्हें पसंद नहीं आ रहा है. क्योंकि यह ऑफिस में कामकाजी माहौल में खुद को ढाल नहीं पाते हैं.
घोस्टिंग की समस्या
सर्वे में पता चल है कि जेन-जी के साथ उन्हें घोस्टिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है. जेन-जी कंपनी के ईमेल का जवाब नहीं देती है या फिर फैसला नहीं कर पाते हैं. कुछ उम्मीदवार जॉब ऑफर स्वीकार कर लेते हैं बिना पेपरवर्क किए गायब हो जाते हैं. कुछ तो पेपरवर्क करके जॉब के पहले दिन नहीं आते हैं. वहीं कुछ जेन-जी ऑफिस आते हैं उन्हें माहौल समझ नहीं आता है तो बिना किसी को बताए, बिना नोटिस कंपनी से गायब हो जाते हैं. ऐसे में कंपनियां जेन-जी को नौकरी देने में हिचाकिचा रही है.
कम्यूनिकेशन की कमी
जेन-जी पीढ़ी में कम्यूनिकेशन स्किल्स की कमी है वह वर्कप्लेस में जल्दी नाराज हो जाते हैं. जेन-जी के परफॉर्मेंस से कंपनी सेटिस्फाई नहीं हो रही है. जेन-जी लोगों में काम पर फोकस की कमी, आलस और काम को लेकर सीरियस ना होना भी एक बड़ा कारण है. इसके अलावा इन लोगों को दूसरों के साथ मिलकर काम करने में भी कमी देखी गई है.
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