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Low Sperm Count: किस बीमारी के कारण घट जाते हैं स्पर्म काउंट? कभी नहीं बन सकते पिता!

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पुरुषों में स्पर्म काउंट घटने की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जो न केवल फर्टिलिटी पर असर डालती है बल्कि मानसिक तनाव का कारण भी बनती है. 

Low Sperm Count: किस बीमारी के कारण घट जाते हैं स्पर्म काउंट? कभी नहीं बन सकते पिता!
Shivendra Singh|Updated: Nov 29, 2024, 06:34 PM IST
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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में पुरुषों में स्पर्म काउंट घटने की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जो न केवल फर्टिलिटी पर असर डालती है बल्कि मानसिक तनाव का कारण भी बनती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बीमारियां भी आपके स्पर्म काउंट को चुपचाप प्रभावित कर सकती हैं? डायबिटीज, हॉर्मोनल असंतुलन, मोटापा और कुछ सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज आपकी फर्टीलिटी हेल्थ पर बुरा असर डाल सकते हैं.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि समय पर सही जानकारी और इलाज से इस समस्या को टाला जा सकता है. आइए, जानते हैं किन बीमारियों से सतर्क रहना जरूरी है और क्यों.

स्पर्म काउंट घटाने वाली बीमारियां

वारिकोसेल (Varicocele): यह स्थिति तब होती है जब टेस्टिकल्स के अंदर की नसें सूज जाती हैं, जिससे स्पर्म प्रोडक्शन प्रभावित होता है. यह पुरुषों में बांझपन का सबसे आम कारण है.

हॉर्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन और अन्य प्रजनन हॉर्मोन्स का असंतुलन सीधे स्पर्म काउंट को प्रभावित करता है. यह स्थिति थायरॉयड, पिट्यूटरी ग्रंथि या अन्य हॉर्मोनल गड़बड़ी के कारण हो सकती है.

संक्रमण: कुछ बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन्स, जैसे गोनोरिया या हर्पीज, स्पर्म प्रोडक्शन और उनकी क्वालिटी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

डायबिटीज और मोटापा: डायबिटीज और मोटापा दोनों ही पुरुषों की फर्टिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. ये स्थितियां न केवल रक्त प्रवाह को प्रभावित करती हैं, बल्कि हॉर्मोनल बैलेंस को भी बिगाड़ती हैं.

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर्स: कुछ मामलों में शरीर की इम्यून सिस्टम खुद ही स्पर्म को नष्ट करने लगती है, जिससे स्पर्म काउंट कम हो जाता है.

विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जांच और उपचार से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है. नियमित व्यायाम, बैलेंस डाइट और तनाव को मैनेज करके भी फर्टिलिटी में सुधार किया जा सकता है. अगर लंबे समय तक प्रयास के बावजूद गर्भधारण में समस्या हो रही है, या अन्य लक्षण जैसे टेस्टिकल्स में दर्द, सूजन या हॉर्मोनल असंतुलन के संकेत मिलते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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