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ऑफिस मे 8 से 10 घंटे बैठने वालों को हो सकती है लिवर की ये बीमारी, रिसर्च ने किया बड़ा दावा

ऑफिस की एसी में आराम से बैठकर काम करने में भले ही आपको लग्जरी फीलिंग आ सकती है, लेकिन इससे लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है. 

ऑफिस मे 8 से 10 घंटे बैठने वालों को हो सकती है लिवर की ये बीमारी, रिसर्च ने किया बड़ा दावा
Shariqul Hoda|Updated: Aug 05, 2025, 01:06 PM IST
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Fatty liver Disease: मॉडर्न लाइफस्टाइल और टेक्नोलॉजी बेस्ड जॉब्स ने भले ही हमारे जीवन को आसान बना दिया हो, लेकिन इससे जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स भी अब सामने आने लगी हैं. खासकर भारत के आईटी सेक्टर से जुड़े कर्मचारियों की जीवनशैली इतनी बैठने वाली और असंतुलित हो गई है कि गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. हाल ही में नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में छपी एक रिसर्च के अनुसार, हैदराबाद के 84 फीसदी आईटी कर्मचारी फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित पाए गए. ये आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है और इस तरफ इशारा करता है कि हमें अपनी आदतों और डेली रूटीन पर अब गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.

क्या है फैटी लिवर?
जब हमारे लिवर में जरूरत से ज्यादा चर्बी जमा हो जाती है, तो उसे फैटी लिवर कहा जाता है. ये धीरे-धीरे हमारे इस अहम ऑर्गन को कमजोर करता है और अगर वक्त रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये सिरोसिस या लिवर कैंसर तक का रूप ले सकता है.

क्या कहती है स्टडी?
इस स्टडी में फैटी लिवर के कई अहम कारण सामने आए हैं, जो सीधे तौर पर हमारी रोजमर्रा की आदतों से जुड़े हैं. सबसे बड़ा कारण है फास्ट फूड और पैकेट वाला खाना. आईटी सेक्टर में देर रात तक काम करना आम बात है; ऐसे में झटपट तैयार होने वाले खाने का सहारा लिया जाता है, लेकिन यही आदत लिवर पर बुरा असर डालती है. इसके साथ ही घंटों तक कुर्सी पर बैठे रहना चर्बी को बढ़ाता है, जो लिवर में जाकर जमा हो जाती है और उसे नुकसान पहुंचाती है. नींद की कमी और लगातार बना रहने वाला तनाव भी लिवर को कमजोर करता है. कई बार लोग स्ट्रेस को कम करने के लिए नशीले पदार्थ का सहारा लेते हैं, लेकिन ये लिवर के लिए सबसे खतरनाक साबित हो सकता है.

कैसे पहचानें इसके लक्षण?
फैटी लिवर की पहचान करना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण साफ तौर पर नजर नहीं आते. लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, शरीर कुछ इशारे देने लगता है. मसलन, बिना कोई भारी काम किए भी हर वक्त थकान महसूस होना, पेट के ऊपरी हिस्से में भारीपन या हल्का दर्द, भूख में कमी, बिना वजह वजन का घटना, आंखों या त्वचा में पीलापन आना, पैरों में सूजन या त्वचा में खुजली, ये सभी लक्षण फैटी लिवर की ओर इशारा कर सकते हैं. अगर ये लक्षण लंबे समय से बने हुए हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है.

इस बीमारी से कैसे बचें?
अगर समय रहते हुए लाइफस्टाइल में बदलाव कर लिया जाए, तो इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है. सबसे पहले खाने-पीने की आदतों में सुधार करें - रोजाना ताजे फल, हरी सब्जियां, दालें, साबुत अनाज और कम तेल वाला खाना अपनाएं. तली-भुनी चीजों और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बनाना जरूरी है. साथ ही, रोज कम से कम 30 मिनट चलना, योग करना या कोई भी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है. वजन पर कंट्रोल रखें क्योंकि मोटापा लिवर पर सीधा असर डालता है. इसके अलावा, शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पिएं और रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें. इन छोटी-छोटी आदतों से आप अपने लिवर को लंबे समय तक सेहतमंद रख सकते हैं.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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