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पानी की बोतल से हार्ट अटैक का खतरा 4 गुना ज्यादा, दिल का दौरा पड़ने पर 2 मिनट के अंदर करें ये काम; बच जाएगी जिंदगी

माइक्रोप्लास्टिक शरीर के इम्यून सेल्स में सूजन पैदा करता है और बैड कोलेस्ट्रॉल व कैल्शियम के साथ मिलकर नसों में जमने लगता है. इससे नसों में ब्लॉकेज बनता है और अचानक हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

पानी की बोतल से हार्ट अटैक का खतरा 4 गुना ज्यादा, दिल का दौरा पड़ने पर 2 मिनट के अंदर करें ये काम; बच जाएगी जिंदगी
Shivendra Singh|Updated: May 01, 2025, 10:48 PM IST
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क्या आप भी रोजाना प्लास्टिक की बोतल से पानी पीते हैं? अगर हां, तो तुरंत छोड़ दें ये आदत. यह आपके दिल पर भारी पड़ सकता है. रांची के न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. विकास ने हाल ही में X (पूर्व में ट्विटर) पर एक चौंकाने वाला वीडियो शेयर किया है, जिसमें हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं के पीछे एक नई और खतरनाक वजह बताई गई है, जो प्लास्टिक की बोतल में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक है.

इटली की एक नई रिसर्च के मुताबिक, माइक्रोप्लास्टिक शरीर के इम्यून सेल्स में सूजन पैदा करता है और बैड कोलेस्ट्रॉल व कैल्शियम के साथ मिलकर नसों में जमने लगता है. इससे नसों में ब्लॉकेज बनता है और अचानक हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. रिसर्च में बताया गया कि जिन लोगों के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक मिला, उनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक या मौत का खतरा 4.53 गुना ज्यादा था. ये शोध 275 लोगों पर किया गया, जिनमें से 150 लोगों की धमनियों में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया.

हार्ट अटैक पड़ते ही करें ये 2 मिनट वाला काम
डॉ. विकास के अनुसार, अगर किसी को अचानक हार्ट अटैक आता है तो सबसे पहले उसे सीपीआर दें और साथ ही तुरंत ये चार दवाएं दें: डिस्प्रिन, सॉर्बिट्रेट (Sorbitrate), अटोर्वा (Atorvastatin) और क्लॉपिडोग्रेल (Clopidogrel). ये दवाएं खून का थक्का बनने से रोकने और नसों को खोलने में मदद करती हैं. इन्हें इमरजेंसी के लिए घर में जरूर रखें.

माइक्रोप्लास्टिक से कैसे बचें?
प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीना बंद करें.
किचन से प्लास्टिक के बर्तन हटाएं.
स्टील या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करें.
शरीर से विषैले तत्व निकालने के लिए पसीना बहाएं – व्यायाम करें या सॉना बाथ लें.

डॉक्टरों की मानें तो माइक्रोप्लास्टिक शरीर से आसानी से बाहर नहीं निकलता, इसलिए बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है. यदि दिल की सेहत को लेकर कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. अब समय आ गया है कि हम अपनी छोटी-छोटी आदतों की तरफ गंभीरता से ध्यान दें, क्योंकि ये आदतें ही हमारी जिंदगी को बचा या बिगाड़ सकती हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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