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Parenting Tips: घर में शेर, बाहर भिगी बिल्ली! क्या यही है आपके बच्चों का भी हाल? इन 3 टिप्स से बनाएं कॉन्फिडेंट और स्मार्ट

Parenting Tips for Under Confidence Child: एक बच्चे को पालना कोई बच्चों का खेल नहीं है. माता-पिता को पेरेंटिंग के हर फेज में नए-नए चैलेंज का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जब आपका बच्चा घर में शेर और बाहत जाते ही भिगी बिल्ली बन जाएं, उन्हें आप समझदारी और सही पैरेंटिंग से सुधार सकते हैं.   

Parenting Tips: घर में शेर, बाहर भिगी बिल्ली! क्या यही है आपके बच्चों का भी हाल? इन 3 टिप्स से बनाएं कॉन्फिडेंट और स्मार्ट
Reetika Singh|Updated: Jun 24, 2025, 08:58 AM IST
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How Do I Make My Child Smart: अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चे घर में बहुत बहादुर, बातूनी और चंचल होते हैं, लेकिन बाहर जाते ही उनका अलग रूप देखने को मिलता है. स्कूल, दोस्तों या बाहर की दुनिया में वे शांत, डरपोक और अंडर कॉन्फिडेंट नजर आते हैं. यहां बच्चे को कॉन्फिडेंट और स्मार्ट बनाने के लिए पैरेंट्स को अहम रोल निभाना पड़ता है. अगर आपका बच्चा भी घर में शेर और बाहर भिगी बिल्ली बन जाता है, तो थोड़ी समझदारी और सही पैरेंटिंग से उन्हें कॉन्फिडेंट और स्मार्ट बनाया जा सकता है. इस खबर में मह आपको ऐसे में 4 टिप्स बताएंगे, जो आपकी मदद कर सकती है. 

 

बच्चों को फैसला लेने दें
अक्सर माता-पिता बच्चों को पपेट बना देते हैं. उनके हर फैसले खुद लेते हैं. क्या पहनना है, क्या खाना है, किससे बात करनी है या कौन सा खेल खेलना है, ये भी खुद डिसाइड करते हैं. ऐसे में बच्चे हर तरह से अपने माता-पिता पर निर्भर हो जाते हैं और खुद फैसला करने की क्षमता खो देते हैं. इस कंडीशन में जब वे बाहर जाते हैं, तो वे शांत होकर दूसरों की सुनने लगते हैं. इसलिए बच्चों को फैसले लेने की आजादी दें. उन्हें महसूस कराएं कि उनकी राय मायने रखती हैं, तो बाहर की दुनिया में भी अपनी बात कहने से नहीं डरेंगे. 

 

डांटने के बजाय बात करें
ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों की गलती में उनपर चिल्लाने या डराने लगते हैं. अगर इसके बजाय बच्चे से शांति से बात करेंगे, तो उन्हें उनकी गलती अच्छे से समझ आएगी. डांटने से बच्चों में डर बनता है, जिसके कारण वे आपके सामने या कहीं और कुछ करने से घबराएंगे. ऐसे में बात करके उनकी गलती उन्हें समझाना ज्यादा बेहतर है. डर का माहौल बच्चों को अक्सर दूसरों के सामने असहज बना देता है. 

 

पब्लिक इंटरैक्शन
आज के समय में पढ़ाई के साथ-साथ एक्स्ट्रा एक्टिविटी भी उतनी ही जरूरी है. खेल-कूद के साथ-साथ बच्चों को सोशली भी एक्टिव बनाने की जरूरत होती है. इसलिए बचपन से ही उनका पब्लिक इंटरैक्शन करवाएं. उन्हें दुकानों से खुद चीजें खरीदने के लिए कहें, गार्डन में नए बच्चों से दोस्ती करने को कहें या रिश्तेदारों से खुद हेलो-बाय बोलने को कहें. ऐसा हो सकता है कि बच्चे शुरुआत में झिझके, लेकिन धीरे-धीरे वे कॉन्फिडेंट हो जाएंगे और बाहर किसी भी कंडीशन का सामना कर पाएंगे.

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