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शादी को जरूरी मानने वाले लोगों में मामूली इजाफा, घटती आबादी वाले इस देश में जगी उम्मीद

दक्षिण कोरिया एक ऐसा देश है जो अपनी घटती आबादी से परेशान है, नई रिपोर्ट में यहां की सरकार को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन उसे अभी लंबा रास्ता तय करना है. 

शादी को जरूरी मानने वाले लोगों में मामूली इजाफा, घटती आबादी वाले इस देश में जगी उम्मीद
Shariqul Hoda|Updated: Mar 25, 2025, 12:28 PM IST
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Marriage In South Korea: साउथ कोरिया वो मुल्क हैं जहां पिछले कई सालों से लोगों का रुझान शादी की तरफ से हटता जा रहा है. 25 मार्च 2025 को एक सरकारी रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में शादी को जरूरी मानने वाले दक्षिण कोरियाई नागरिकों का अनुपात बढ़ गया. योनहाप न्यूज एजेंसी ने बताया कि ये रिपोर्ट डेमोग्राफिक क्राइसिस से जूझ रहे देश में शादी को लेकर ज्यादा पॉजिटिव परसेप्शन को बयां करती है.

द्विवार्षिक सामाजिक सर्वेक्षण में 13 साल और उससे ज्यादा उम्र के 52.5 फीसदी दक्षिण कोरियाई लोगों ने 2024 में शादी को एक जरूरत के रूप में देखा, जो दो साल पहले की तुलना में 2.5 फीसदी अंक का इजाफा दिखाता है. 2020 में हल्की वृद्धि के सिवाय, 2010 से यह आंकड़ा लगातार गिर रहा था.

रिपोर्ट में ये भी दिखाया गया है कि 68.4 फीसदी रिस्पॉन्डेंट्स ने कहा कि शादी के बाद बच्चे होना जरूरी है, जो 2 साल पहले की तुलना में 3.1 फीसदी अंक ज्यादा है. अलग-अलग आंकड़ों से पता चला है कि पिछले साल 2,22,422 कपल्स ने शादी की, जो पिछले साल की तुलना में 14.9 फीसीदी का इजाफा है, जो 1981 में एजेंसी द्वारा जुड़े आंकड़े कंपाइल करना शुरू करने के बाद से सबसे तेज एनुअल राइज है.

2024 में 9 सालों में पहली बार नवजात बच्चों की तादात में इजाफा हुआ. टोटल फर्टिलिटी रेट-एक महिला के अपने जीवनकाल में पैदा होने वाले बच्चों की औसत संख्या-में भी सुधार हुआ, जो एक साल पहले 0.72 से बढ़कर 0.75 हो गई. एजेंसी ने युवा पीढ़ियों में शादी और पैरेंटहुड के प्रति बेहतर सोच को जन्म दर में इलाफे के लिए योगदान करने वाले फैक्टर्स के तौर पर मार्क किया.

स्टेटिस्टिक्स कोरिया ने बताया कि पिछले साल कुल 238,300 बच्चे पैदा हुए, जो 2023 में 230,000 के रिकॉर्ड निचले स्तर से 3.6 फीसदी ज्यादा है. 2015 से ये आंकड़ा घट रहा है, जब ये 438,400 था.

हालांकि, दक्षिण कोरिया में फर्टिलिटी रेट अभी भी दुनिया में सबसे कम है और आर्गेनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) के सदस्य देशों के औसत का लगभग आधा है. 2018 से, देश ओईसीडी का इकलौता सदस्य रहा है जिसकी दर 1 से कम है.

ये प्रति महिला 2.1 जन्मों के रिपलेस्मेंट लेवल से भी बहुत कम है, जो इमिग्रेशन के बिना स्थिर आबादी बनाए रखने के लिए जरूरी है. सरकार का टारगेट 2030 तक इस दर को 1 तक बढ़ाना है.

(इनपुट-आईएएनएस)

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