भारत में तलाक लेना आसान नहीं है. इसके प्रोसेस को कठिन बनाने के पीछे की सोच थी, कि जन्म-जन्म का बंधन माने जाने वाली शादी जैसी व्यवस्था में अटूट विश्वास बना रह सके. लोग शादी को हल्के में न लें. हालांकि आज के समय में यह व्यवस्था कई पुरुषों के जान की दुश्मन बन चुकी है. हाल ही में बैंगलोर के एक टेकी के डिवोर्स के कारण सुसाइड के बाद ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें पुरुषों की जिंदगी तलाक लेने में ही खत्म हो गयी.
रिलेशनशिप कोच विशाल भारद्वाज बताते हैं कि तलाक के बाद पुरुषों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि बच्चों की कस्टडी, एलिमनी. हालांकि इन समस्याओं से निपटने के लिए कई कानूनी और व्यक्तिगत समाधान मौजूद हैं, लेकिन कई बार यह पूरा प्रोसेस इतना लंबा चलता है कि इसमें मेंटल हेल्थ बिगड़ने लगता है. यदि आप भी इसका सामना कर रहे हैं तो यहां आप इससे डील करने के तरीकों को जान सकते हैं-
बच्चों की कस्टडी
भारत में तलाक के मामलों में बच्चों की कस्टडी अक्सर मां के पक्ष में होती है, क्योंकि अदालत यह मानती है कि छोटे बच्चे अपनी मां के साथ बेहतर रहते हैं. हालांकि, यदि एक पिता अपने बच्चों के लिए एक सेफ और स्टेबल लाइफ दे सकता है, तो उसे कस्टडी के अधिकार के लिए लड़ने का पूरा हक है. इसके लिए उसे अपनी वित्तीय और मानसिक स्थिति को साबित करने वाले दस्तावेज और साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। एक अनुभवी वकील की मदद से यह प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सकती है.
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अनफेयर एलिमनी देने से बचने का तरीका
तलाक के बाद एलिमनी का प्रावधान पहले महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा के लिए था, लेकिन अब कई मामलों में महिलाएं अपनी आय के बावजूद एलिमनी की मांग करती हैं, जो पुरुषों के लिए कठिनाई का कारण बनता है. ऐसे में यह जरूरी है कि एक पुरुष अपनी पूर्व पत्नी की वित्तीय स्थिति और आय का प्रमाण अदालत में पेश करें, ताकि यह साबित किया जा सके कि वह खुद अपनी देखभाल करने में सक्षम है. यदि संभव हो, तो आपसी सहमति से मामला सुलझाना बेहतर होता है.
बच्चे से मुलाकात के लिए लें अदालत की मदद
कई औरतें तलाक के दौरान अपनी पति को इमोशनली टॉर्चर करने के लिए उसे उसके बच्चे से मिलने नहीं देती है. इसका फायदा उठाकर मनमाने ढंग से एलिमनी की भी डिमांड की जाती है. ऐसे में जरूरी है कि यह बात आप अदालत में जज के सामने रखें. जिसके बाद पत्नी को न चाहते हुए भी बच्चे से आपकी मीटिंग करवानी पड़ेगी.
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना
तलाक के बाद पुरुषों को मानसिक तनाव और भावनात्मक आघात का सामना करना पड़ता है, लेकिन समाज में इसके बारे में खुलकर बात करना अब भी मुश्किल है. ऐसे में पुरुषों को काउंसलिंग की मदद लेनी चाहिए और परिवार या दोस्तों से समर्थन प्राप्त करना चाहिए.
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