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आंख में देखकर झूठ बोलने वाले भी नहीं बच सकते, इन तरीकों से समझें बात में कितनी है सच्चाई


झूठ बोलना आज के समय में सांस लेने जितना लोगों के लिए जरूरी लगने लगा है. यह आदत इतनी ज्यादा बढ़ गयी है कि लोग छोटी-छोटी चीजों के लिए झूठ बोल देते हैं. ऐसे में सही का पता लगाने और दूसरों के झूठ से बचने के लिए ये तरीके आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं.    

 आंख में देखकर झूठ बोलने वाले भी नहीं बच सकते, इन तरीकों से समझें बात में कितनी है सच्चाई
Sharda singh|Updated: Jun 10, 2025, 06:18 PM IST
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झूठ सच को छिपाना नहीं बल्कि सच को तोड़ मोड़कर पेश करना होता है, जो कि घर से लेकर बाहर तक हर कोई कर रहा है. एक समय था जब लोग जान दे देते थे लेकिन सच बोलने से पीछे नहीं हटते थे. लेकिन अब लोग दूध में पानी जितना झूठ हर बात में बोल देते हैं. झूठ बोलने के इस बढ़ती प्रवृति के कारण रिश्ते कमजोर होते जा रहे हैं. ऐसे में सही इंसान को चुन पाना कठिन है. 

 

कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान प्रोफेसर केविन कॉलवेल के अनुसार, यदि आप किसी से सच जानना चाहते हैं तो उनसे बिना किसी पूर्व धारणा के बात करें. भावनाओं का प्रवाह झूठ बोलने वालों के संकेत दे देता है. सहज तरीके से बात करके आप उनके व्यवहार में बदलाव देख सकते हैं. इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही बदलावों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. 

झूठ बोलने वालों के कुछ संकेत-

- झूठ बोलने वाले लोग अपनी कहानी क्रमवार सुनाते हैं. कहानी की शुरुआत और अंत पहले से तय होता है. वहीं सच बोलने वाले लोग बातें सीधे-सीधे बताते हैं. हो सकता है दोबारा वही बात बताते हुए दो तीन बातें और नयी जोड़ दें.

- आम धारणा के विपरीत, झूठ बोलने वाले लोग आपकी ओर ही देखते हैं. वे जानना चाहते हैं कि आप उन पर विश्वास कर रहे हैं या नहीं. ऐसा अक्सर वह लोग करते हैं जो पूरी प्लानिंग के साथ झूठ बोलते हैं.

- झूठ बोलते समय लोग अपेक्षाकृत बेहतर और अधिक परिष्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं. वे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें शायद आपने उनसे पहले कभी ना सुना हो.  

- सच बोलने वाले लोग स्वाभाविक रूप से बात करते हैं. वे एक ही घटना का वर्णन करते समय नए तथ्य भी जोड़ सकते हैं. वहीं झूठ बोलने वाले वही बातें दोहराते हैं जो उन्होंने पहले कही थीं.

- यदि कोई व्यक्ति किसी घटना का वर्णन करते समय 'मैं' या 'मेरा' जैसे सर्वनामों का प्रयोग नहीं करता है, तो सावधान हो जाएं. हो सकता है वे सच छुपा रहे हों. एफबीआई के एजेंट रहे जिम क्लेमेंट कहते हैं कि मान लीजिए कोई महिला अपने पति से पूछे कि वह क्या कर रहा है? पति का जवाब आया-पार्क गया था, दोपहर का भोजन खा लिया. उसने अपने वाक्य में 'मैं' का इस्तेमाल नहीं किया. दरअसल उसने खाना किसी और के साथ खाया है इसलिए अब उसे डर है कि 'मैं' की जगह जबान से 'हमने' न निकल जाए.

- झूठ बोलने वाले लोग महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाते हैं या भूलने का नाटक करते हैं. ऐसे में कभी भी वह आपके सवालों का सीधा जवाब नहीं देंगे. वे अक्सर आपके सवालों का जवाब दूसरे सवालों से देते हैं. आप झूठ बोलने वाले लोगों से एक शब्द में कोई जवाब आसानी से नहीं निकलवा सकते हैं.

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