Husband Wife Fight: मां-बाप के बीच हेल्दी रिलेशनशिप बच्चों के लिए एक मजबूत बेस होता है, लेकिन जब इस रिश्ते में तनाव और झगड़े बढ़ते हैं, तो इसका सबसे गहरा असर बच्चों की इमोशनल हेल्थ पर पड़ता है. बेटा और बेटी अपने मां-बाप को आदर्श मानते हैं, और उनके बीच लगातार होने वाले विवाद बच्चे के मेंटल और इमोशनल डेवलपमेंट को सीरियस तरीके से अफेक्ट कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि पैरेंट्स के झगड़े का बच्चों पर कैसा असर पड़ता है.
इनसिक्योरिटी वाली फीलिंग
मां-बाप के झगड़े बच्चों में असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं. बच्चे अपने घर को एक सेफ प्लेस मानते हैं, लेकिन जब ये जगह टेंशन और चीख-पुकार से भर जाता है, तो बच्चा खुद को हेल्पलेस और अकेला महसूस करता है. इससे बच्चे में एंग्जायटी, तनाव और डर जैसी भावनाएं जन्म ले सकती हैं. छोटे बच्चे अक्सर ये समझ नहीं पाते कि उनके माता-पिता के बीच क्या हो रहा है, और वे खुद को इसके लिए जिम्मेदार मानने लगते हैं. ये सेल्फ ब्लेम की फीलिंग उनकी मेंटल हेल्थ को और कमजोर करती है.
बिहेवियर में चेंजेज
माता-पिता के झगड़े बच्चों के बिहेवियर में बदलाव ला सकते हैं. कुछ बच्चे चुप्पी साध लेते हैं और अपने इमोशन को दबाने लगते हैं, जबकि कुछ अग्रेसिव हो जाते हैं. स्कूल में उनकी पढ़ाई और सोशल कनेक्शन पर भी इसका असर पड़ता है. लगातार टेंशन भरे माहौल में रहने से बच्चों में डिप्रेशन, लो कॉन्फिडेंस और इमोशनल इनस्टेबिलिटी जैसी परेशानियां देखी जा सकती हैं.
फ्यूचर पर असर
पैरेंट के झगड़े बच्चों के फ्यूचर रिलेशनशिप को भी अफेक्ट कर करते हैं. बच्चे अपने माता-पिता के बिहेवियर को देखकर रिश्तों के बारे में सीखते हैं. अगर वो सिर्फ टेंशन और फाइट देखते हैं, तो वो हेल्दी रिलेशन को लेकर परेशानी महसूस कर सकते हैं. इससे उनकी मैरिड लाइफ और सोशल लाइफ पर लॉन्ग टर्म इफेक्ट पड़ सकता है. कई बच्चे बड़े होकर शादी के नाम से ही डर सकते हैं.
मां-बाप को बदलना होगा
अगर आप अपने लाइफ पार्टनर से रोजाना किसी न किसी बात पर झगड़ा करते हैं, तो इस आदत को आज ही बदल डालें, क्यों इससे बच्चे का प्रेजेंट और फ्यूचर शेप होगा. पति-पत्नी का हेल्दी रिश्ता बच्चे की लाइफ पर पॉजिटव असर डालेगा.