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शादी से पहले 'लिव-इन' में रहना सही है या गलत? इन 5 कारणों पर जरूर करें गौर

Live-in Relationship: शादी के बिना पति-पत्नी के साथ रहने को लिव-इन रिलेशनशिप कहा जाता है. लेकिन इसको लेकर लोगों में ये सवाल जरूर होता है कि यह सही है या नहीं? समाज में अब भी इस चीज को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया. लेकिन शहर के युवा इस कल्चर में काफी प्रभावित हो रहे हैं.   

शादी से पहले 'लिव-इन' में रहना सही है या गलत? इन 5 कारणों पर जरूर करें गौर
Reetika Singh|Updated: Apr 24, 2025, 08:34 AM IST
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Is Live-in Relationship Right or Wrong: लिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसा रिश्ता है, जहां बिना शादी के दो लोग एक साथ पति-पत्नी की तरह रहते हैं. हालांकि हमारे समाज में इस चीज को अब भी पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है. लेकिन शहर में युवाओं के बीच यह चलन तेजी से बढ़ता दिख रहा है. खासकर शहर में पढ़ने आए युवा लिव-इन रिलेशिनशप में रहना शुरू कर देते हैं. कई बार ये रिश्ता शादी की बंधक तक पहुंच जाता है. लेकिन ज्यादातर ऐसे रिश्ते टूट ही जाते हैं. इस खबर में हम आपको कि लिव-इन रिलेशनशिप सही है या गलत?

 

एक-दूसरे को बेहतर समझने का मौका
लिव-इन में रहने से कपल्स को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझने का मौका मिलता है. वे   एक-दूसरे की आदतों, स्वाभार, गुस्सा, लाइफस्टाइल को गहराई से समझ पाते हैं. ये चीजें आप केवल डेटिंग में नहीं पता चलती. लिव-इन रिलेशनशिप कपल्स के लिए रियलिटी टेस्ट की तरह होती है, कि आप इस शख्स के साथ अपनी जिंदगी बिता सकते हैं या नहीं. इससे शादी के बाद चीजें आसान हो जाती है.  

 

शादी के लिए क्लैरिटी
लिव-इन रिलेशनशिप व्यक्ति को ये क्लैरिटी देता है कि आप सामने वाले के साथ शादी करके अपनी पूरी जिंदगी उसके साथ बिता सकते हो या नहीं, क्योंकि शादी केवल फिलिंग्स पर नहीं, बल्कि समझदारी, म्यूचुअल ट्रस्ट पर टिका होत है. लिव-इन रिलेशनशिप में आप यह तय कर सकते हैं कि रिश्ता लंबा टिक सकता है या नहीं. 

 

इमोशनल और लीगल कॉम्प्लिकेशन
भले ही लिव-इन रिलेशनशिप शादी की तरह नहीं होता है. लेकिन इसके भी इमोशनल और लीगल कॉम्प्लिकेशन्स हैं. कई बार लोग अपने लिव-इन रिलेशनशिप में ही इतना इमोशनली जुड़ जाते हैं कि उन्हें ब्रेकअप के बाद गहरा असर पड़ता है, जो कि उन्हें मेंटली ही सालों-सालों तक परेशान करता है. कानूनी तौर पर लिव को कुछ हद तक मानयता मिली हुई है, लेकिन इसके भी लीगल कॉम्प्लिकेशन बहुत हैं. 

 

फ्रीडम और रिस्पॉन्सिबिलिटी का बैलेंस
लिव-इन रिलेशनशिप आपको शादी की फ्रीडम के साथ रिस्पॉन्सिबिलिटी के बोझ में भी डालता है. आपका एक-दूसरे को कोई लीगल कमिटमेंट नहीं है. लेकिन एक-दूसरे की जिम्मेदारियां- जैसे घर के खर्च, इमोशनल सपोर्ट, फ्यूचर प्लैनिंग, को संभालनी पड़ती है. यह रिश्ता भी शादी जितनी गंभीर हो सकता है. लेकिन कई बार लोग लिव-इन रिलेशनशिप के फ्रीडम का गलत इस्तेमाल कर लेते हैं, जो कि सामने वाले के लिए गलत हो जाता है. 

 

सही या गलत?
लिव-इन रिलेशनशिप कई मामलों में सही है, तो कई मालमों में गलत. इसलिए इस बात का फैसला करना थोड़ा मुश्किल है. यह पूरी तरह से कपल की सोच, समझदारी पर डिपेंड करता है.

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