शादी को लेकर कई सारी मान्यता हैं, जो कि धर्म, संस्कृति और जगह के अनुसार अलग-अलग है. लेकिन यदि हम हिन्दू धर्म की बात करें तो महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए कई सारे व्रत पूजा-पाठ करती हैं. हालांकि इससे पति की उम्र पर कितना असर होता है, इस पर टिप्पणी करना मुश्किल है. लेकिन इस बात पर मुहर लग गयी है कि पत्नी के जीवन में आने से पुरुषों की लाइफ क्वालिटी बढ़ती है.
हाल ही में हुई एक स्टडी यह दावा करती है कि शादीशुदा पुरुषों के लंबे समय तक हेल्दी और जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है, उन पुरुषों की तुलना में जो शादी नहीं करते हैं, या बिना लाइफ पार्टनर के रह रहे हैं. इस स्टडी से इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि पुरुषों और महिलाओं की उम्र पर शादी का असर अलग-अलग होता है. जहां, शादीशुदा पुरुषों की उम्र अविवाहित पुरुषों की तुलना में धीरे बढ़ती है. वहीं, महिलाओं के मामले में यह स्थिति थोड़ी अलग है.
महिलाओं और पुरुषों पर शादी का असर
जीवनसाथी के साथ रहने वाले पुरुष ज्यादा लंबा जीते हैं. इसके विपरीत, शादीशुदा महिलाओं का उम्र बढ़ने का अनुभव शादीशुदा न रहने वाली महिलाओं से अधिक अलग नहीं था. स्टडी के अनुसार, तलाकशुदा या विधवा महिलाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया अविवाहित महिलाओं की तुलना में ज्यादा कठिन होती है.
क्या स्टडी है?
यह स्टडी कनाडा के बुजुर्गों पर आधारित था, जिसमें 45 से 85 वर्ष तक के लोगों की सेहत और जीवनशैली को 20 सालों तक ट्रैक किया गया था. इसमें यह समझने की कोशिश की कि शादीशुदा होने या नहीं होने का उनके स्वास्थ्य और उम्र बढ़ने पर क्या असर पड़ा.
शादी करने के इफेक्ट
स्टडी से यह साफ होता है कि शादी का जीवन पर असर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग हो सकता है. यह स्टडी यह भी दर्शाता है कि उम्र बढ़ने के साथ शादी का महत्व न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर, बल्कि मानसिक और इमोशनल वेल बीइंग पर भी प्रभाव डालता है.