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आपकी ये गलत आदत आपके बच्चे पर डालती है बुरा असर, जीवन के हर कदम पर मिलता है हार

Parenting Mistakes: एक बच्चे की परवरिश करना कोई बच्चे का खेल नहीं है. हर माता-पिता अपने बच्चे को एक अच्छी परवरिश देना चाहते हैं. लेकिन फिर भी जाने-अनजाने में कई ऐसी गलतियां उनसे भी हो जाती हैं, जो बच्चे के व्यक्तित्व पर बुरा असर डाल देती है.   

आपकी ये गलत आदत आपके बच्चे पर डालती है बुरा असर, जीवन के हर कदम पर मिलता है हार
Reetika Singh|Updated: Jun 11, 2025, 09:13 AM IST
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Parenting Tips: बच्चा बड़ा होकर कैसा इंसान बनता है, वह कहीं न कहीं माता-पिता के व्यवहार पर डिपेंड करता है. इंसान का व्यक्तित्व बचपन में घर के माहौल और माता-पिता पर बहुत निर्भर करता है. हालांकि माता पिता तो बच्चे की परवरिश खुद से बेस्ट ही करते हैं. लेकिन जाने-अनजाने में कई बार पेरेंट्स परवरिश में कुछ ऐसी आदतें अपना लेते हैं, जो बच्चों की मानसिकता, कॉन्फिडेंट और ग्रोथ पर नेगेटिव असर डालती है. इस खबर में हम आपको माता-पिता की ऐसी ही आदतों के बारे में बताएंगे. 

 

तुलना करना
"शर्मा जी के लड़के ने ये किया, मिश्रा जी के लड़के ने वो किया", अक्सर इस तरह की बातें आपके अपने माता-पिता से भी जरूर सुनी होगी. हमारे माता-पिता में अक्सर दूसरों बच्चों से हमारी तुलना करने की आदत होती है. वे अच्छा समझ कर हमें दूसरे बच्चों को दिखाते हैं कि हमें उनसे सीखे और अपनी जीवन में कुछ अच्छा करें. लेकिन पेरेंट्स का ऐसा करना बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है. वह बच्चे के सेल्फ-इमेज को कमजोर कर देता है. इससे धीरे-धीरे बच्चे का कॉन्फिडेंट खत्म होने लगता है और वह किसी काम को भी अच्छे से नहीं कर पाता. 

 

बच्चों के कामों को खुद करना
कई बार पैरेंट्स प्यार में अपने बच्चों की हर जगह मदद करने लगते हैं, उनका सारा काम खुद करने लगते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसा करके वे अपने बच्चे की मदद कर रहे हैं. लेकिन इसमें आप अपने बच्चे की मदद नहीं कर रहे. उन्हें हर काम के लिए एक निर्भर होने वाला इंसान बना रहे हैं, जो खुद से कुछ भी करने में असमर्थ है. ऐसे हालात में आगे चलकर जीवन की चुनौतियों में उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

 

बच्चे को कंट्रोल करना
हर चीज में बच्चे को कंट्रोल करना सही नहीं है. कई बार पैरेंट्स अपने बच्चे की फिकर में उसे जरूरत से ज्यादा कंट्रोल करना शुरू कर देते हैं. बच्चा क्या कर रहा है? कहां जा रहा है? किस्से मिल रहा है? और कई क्या बात कर रहा है? यह भी फैसला खुद करते हैं. ऐसा करना बच्चे के व्यक्तित्व को पूरी तरह से खत्म कर सकता है. इससे बच्चे को अकेले किसी भी कई चीजों को ट्राई करने में डर बना जाएगा. यह उसके फ्यूचर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है.

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