trendingNow12796728
Hindi News >>रिलेशनशिप
Advertisement

बच्चे को अकेले पालना आसान नहीं, हर सिंगल पैरेंट को इन परेशानियों से पड़ता है गुजरना

Single Paranting Challenges: सिंगल पैरेंटिंग आसान नहीं है. यह न सिर्फ डे टू डे की चीजों को मुश्किल बनाती है, बल्कि इमोशनली रूप से भी चुनौतीपूर्ण होती है. क्योंकि एक बच्चे के बेहतर विकास के लिए माता-पिता दोनों की जरूरत होती है.

बच्चे को अकेले पालना आसान नहीं, हर सिंगल पैरेंट को इन परेशानियों से पड़ता है गुजरना
Sharda singh|Updated: Jun 11, 2025, 09:20 PM IST
Share

कई सारे लोग अपनी टूटी शादी या पार्टनर के मौत की वजह से अपने बच्चों की परवरिश अकेले करने पर मजबूत होते हैं. यह शारीरिक और मानसिक तौर पर थका देने वाली चीज है. अकेले ही माता और पिता का रोल निभाने में कई बार पर्सनल लाइफ खत्म हो जाती है. इसके बावजूद भी कई बार व्यक्ति को यह गिल्ट रह सकता है कि वह एक अच्छा पेरेंट नहीं बन सका. सिंगल पैरेंट एक फूल टाइम जॉब है, जहां आप हमेशा अलर्ट मोड पर रहना होता है. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ चैलेंजेस के बारे में बता रहे हैं जिसका सामना हर सिंगल पैरेंट को करना पड़ता है.  

सिंगरल पैरेंटिंग में आने वाली चुनौतियां

- सिंगल पैरेंट होने के नाते काम, घर और बच्चे की देखभाल तीनों को संभालना मुश्किल होता है. अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में कई बार वह इतने व्यस्त हो जाते हैं कि बच्चे के साथ फुर्सत के पल नहीं बिता पाते हैं. इसके कारण कई बार उन्हें अपने बच्चों से ही खरी-खोटी सुननी पड़ जाती है.

- सिंगल पैरेंट पर आर्थिक दबाव काफी अधिक होता है. बच्चों की परवरिश, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सभी खर्चों को अकेले ही संभालने की जिम्मेदारी होती है. इतना ही नहीं सिंगल पैरेंट को यह भी इंश्योर करना पड़ता है कि बच्चों को कभी पैसों की कमी के कारण परेशान ना होना पड़े.

- सिंगल पैरेंट को इस बात का ध्यान रखना होता है कि बच्चे को कभी भी माता या पिता की कमी महसूस ना हो. ऐसे में 24 घंटे एक व्यक्ति का दोनों किरदार निभाना इमोशनली बहुत ही थकाऊ भरा होता है.

- सिंगल पैरेंट को अकेलेपन का सामना करना पड़ता है. क्योंकि बच्चों की परवरिश से जुड़े फैसलों में सलाह या मदद करने वाला कोई नहीं होता. यह स्थिति बहुत कठिन होती है क्योंकि इसे वह अपने बच्चों के सामने भी जाहिर नहीं कर सकते हैं.

- सिंगल पैरेंट को भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है. खासकर मां के लिए यह चुनौती और भी कठिन होती है. क्योंकि हमारे समाज में अकेले बच्चों की परवरिश करने वाली मां को लेकर कई तरह की गलत अवधारणाएं मौजूद हैं. 

 

Read More
{}{}