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बच्चे को न करें सुधारने की कोशिश, सद्गुरु की बात में पैरेंट्स के लिए छिपा है खास मैसेज

How Parents Should Treat Their Children: बच्चों की खुशियों को समझना और उनके विकास के लिए सकारात्मक माहौल बनाना पेरेंट्स का कर्तव्य होना चाहिए. बच्चों को सुधारने की कोशिश में अधिक दबाव डालने से उनका स्वाभाविक विकास बाधित हो सकता है.  

बच्चे को न करें सुधारने की कोशिश, सद्गुरु की बात में पैरेंट्स के लिए छिपा है खास मैसेज
Sharda singh|Updated: Mar 09, 2025, 07:24 AM IST
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बचपन मासूमियत और खुशी से भरा होता है. बच्चे बिना किसी चिंता के अपने मन की करते हैं और खुश रहते हैं. लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनके माता-पिता अक्सर उनकी नादानियों को सुधारने में जुट जाते हैं. पेरेंट्स का उद्देश्य होता है बच्चों को सही मार्ग पर लाना, लेकिन कभी-कभी यह कोशिश बच्चों की खुशी और मासूमियत को छीन सकती है. 

यह विषय सद्गुरु ने भी अपने एक वीडियो में उठाया है. उन्होंने पेरेंट्स को यह समझाया कि बच्चों को सुधारने की कोशिश करना उनकी स्वाभाविक खुशी को नुकसान पहुंचा सकता है. उनका कहना है कि पेरेंट्स को यह समझना चाहिए कि जिंदगी का असली उद्देश्य खुश रहना है.

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सद्गुरु का संदेश

सद्गुरु कहते हैं कि अधिकतर पेरेंट्स बच्चों के व्यवहार को लेकर परेशान रहते हैं और उन्हें सुधारने के लिए लगातार कोशिश करते हैं, लेकिन यह तरीका सही नहीं है. उनका कहना है कि जब आप बच्चों के साथ रहते हैं तो आपको यह समझना चाहिए कि आप उनके मुकाबले कम खुशहाल हैं. बच्चों की मासूमियत और खुशी को देख कर हमें यह सोचने की जरूरत है कि काउंसलिंग की जरूरत बच्चे को है या फिर हमें खुद को?

खुश रहने का उद्देश्य

सद्गुरु ने यह भी कहा कि जिंदगी का असली उद्देश्य खुश रहना है. जब बच्चे छोटे होते हैं, तो वे इस बात को अच्छे से समझते हैं. बच्चों को जिंदगी की कठिनाइयों के बारे में कुछ जानकारियां देना अच्छा है, लेकिन उन्हें इस दुनिया से दूर कर देना या खुश रहने के तरीके सिखाने की बजाय उन पर दबाव डालना गलत है. 

बेहतर ग्रोथ के लिए पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?

सद्गुरु के अनुसार, बच्चों की बेहतर ग्रोथ के लिए पेरेंट्स को केवल एक अच्छा माहौल और सही तरीके से पालन-पोषण सुनिश्चित करना चाहिए. इसके अलावा बच्चों के विकास के लिए कुछ ज्यादा जरूरी नहीं होता. बच्चे स्वाभाविक रूप से सीखते हैं और अगर उनका वातावरण सकारात्मक होता है, तो वे अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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