प्यार को आज की जनरेशन बिल्कुल अलग नजर से देखने लगी है. वक्त के साथ-साथ प्यार की परिभाषा को बदलते आप खुद देख सकते हैं. पहले जहां एक शख्स से ही जीवन भर का प्यार होता था. वहीं, आज लोग कपड़ों की तरह अपने पार्टनर बदलते हैं. इसमें कोई दोराय नहीं कि जीवन में मूव ऑन करना जरूरी है. लेकिन यदि आप इसे आदतन करने लगे हैं, तो यह आपके मेंटल हेल्थ के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.
ऐसे में जगदीश वासुदेव, सद्गुरु की लव और रिलेशनशिप को लेकर दी गयी सलाह बहुत मददगार साबित होती है. इससे आप एक बेहतर इंसान बनते हैं, और असली प्यार के स्पर्श को अपने जीवन में महसूस कर पाते हैं. यहां हम आपके साथ सद्गुरु के इन्हीं विचारों को शेयर कर रहे हैं-
प्यार आजादी है!
सद्गुरु कहते हैं, कि प्यार आजादी का एक विस्तृत रूप है. किसी को भी इसका बंदी न बनाए. यदि आप जिससे प्यार करते हैं, वो आपके साथ कुछ भी करने या अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सहज नहीं है, तो आपके प्यार करने का तरीका गलत है. हालांकि इसका मतलब अपने पार्टनर को गलत व्यवहार करने की आजादी देना नहीं है.
रिलेशनशिप में बदलाव होगा
रिलेशनशिप में बदलाव तय है. सद्गुरु कहते हैं कि एब्सल्यूट रिलेशनशिप किसी मरे व्यक्ति के साथ ही रह सकता है. वक्त, परिस्थिति के अनुसार रिश्ते में बदलाव जरूरी है. ऐसे में इसकी शिकायत कभी किसी व्यक्ति को अपने पार्टनर से नहीं करनी चाहिए कि अब वह पहले की तरह नहीं है.
परफेक्ट कोई नहीं
यदि आप अपने लिए किसी परफेक्ट व्यक्ति की उम्मीद कर रहे हैं, तो अभी ही अपनी गलतफहमी दूर कर लें. सद्गुरु बताते हैं कि इस पूरी दूनिया में को राइट या रॉन्ग पर्सन नहीं है. इसलिए खुद को इस तरह से बनाए कि आप सिचुएशन और व्यक्ति के हिसाब से एडजस्ट हो सके. इससे आपको रिलेशनशिप की परेशानियों का कम सामना करना पड़ेगा.
प्यार आपकी खासियत है
आप यदि किसी को प्यार करते हैं तो यह आपकी खासियत है, न की सामने वाले व्यक्ति की. इसलिए किसी के छोड़कर जाने पर खुद को कमतर न आंके. जो आपके साथ नहीं रहना चाहता या आपकी अहमियत को नहीं समझता है उसे भी प्यार से जाने दें. ऐसा करना आपके मेंटल हेल्थ के लिए भी जरूरी है.