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रिलेशनशिप में 'कैटफिशिंग' किसे कहते हैं? जानिए पार्टनर के खिलाफ ये स्ट्रैटेजी क्यों यूज करते हैं लोग

रिलेशनशिप को लेकर ऐसे नए टर्म सामने आ रहे हैं, जिसे जानकर कई लोगों का सिर घूम सकता है, लेकिन बदलते जमाने में हर रिश्ते के तरीके को समझना जरूरी है, ताकि आप इसके शिकार न हो जाएं.

रिलेशनशिप में 'कैटफिशिंग' किसे कहते हैं? जानिए पार्टनर के खिलाफ ये स्ट्रैटेजी क्यों यूज करते हैं लोग
Shariqul Hoda|Updated: Jun 16, 2025, 06:59 AM IST
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Catfishing in Relationship: रिलेशनशिप में 'कैटफिशिंग' का मतलब किसी को धोखा देने के लिए झूठी ऑनलाइन पहचान बनाना है, आमतौर पर रोमांटिक या इमोशनल मैनिपुलेशन के लिए लोग ऐसा करते हैं. साल 2010 की डॉक्यूमेंट्री 'कैटफिश' ने इस टर्म को पॉपुलर किया है. रिलेशनशिप के इस तरीके में लोग ऐसे इंसान होने का दिखावा करते हैं जो वो नहीं हैं. अक्सर नकली तस्वीरों, मनगढ़ंत पर्सनल डिटेल या अपनी खूबियों को बढ़ा-चढ़ा कर बताने का काम किया जाता है, ताकि पार्टनर को झूठे दिखावे के तहत रिलेशनशिप या बातचीत में फंसा लिया जाए. 

'कैटफिशिंग' क्यों करते हैं लोग?

कैटफिशिंग के पीछे जो मोटिवेशन है वो काफी कॉम्पलेक्स और डाइवर्स हो सकता है. इनसिक्योरिटी और लो सेल्फ स्टीम इसके बड़े कारणों में से एक है. कुछ लोगों को लगता है कि वो अपने असली रूम में पार्टनर को अट्रैक्ट नहीं कर सकते, इसलिए वे प्यार या अटेंशन पाने के लिए आडियल इंसान का रूप बना लेते हैं. मिसाल के तौर पर, वो खुद को ज्यादा अट्रैक्टिव, कामयाब या करिश्माई इंसान के तौर पर पेश कर सकते हैं ताकि उन्हें वैलिडेशन मिल सके.

कई दूसरे लोग कैटफिशिंग का उपयोग मैनिपुलेशन या कंट्रोल के एक टूल के रूप में करते हैं, अपने पार्टनर के जज्बात का फायदा फाइनेंशियल गेन, पर्सनल ग्रेटिफिकेशन या यहां तक कि बदला लेने के लिए उठाते हैं. कुछ मामलों में, कैटफिशर अपनी खुद की पहचान को एक्सप्लोर कर रहे हो सकते हैं, जैसे कि किसी अलग जेंडर या पर्सनालिटी के साथ इस्तेमाल करना, बिना किसी गलत इरादे के, हालांकि ये भी एक तरह का धोखा है, जो पार्टनर के बीच भरोसे को नुकसान पहुंचाता है.

'कैटफिशिंग' के नुकसान
साइकोलॉजिकल फैक्टर्स भी एक अहम रोल निभाते हैं. कैटफिशिंग इंसान को अपने रियल लाइफ स्ट्रगल, जैसे अकेलेपन या असंतोष से बचने की इजाजत देती है, एक मनगढ़ंत पहचान के जरिए झूठी जिंदगी जीकर. इंटरनेट की गुमनामी एक ढाल बनती है, जिससे वो जवाबदेही के बिना काम कर सकते हैं. हालांकि, ये स्ट्रैटेजी अक्सर उलटी पड़ती है, क्योंकि धोखे का पता चलते ही कई लोगों की जिंदगी तबाह हो सकती है, भरोसा टूट सकता है, इमोशनल डैमेज या फाइनेंशियल लॉस हो सकता है.

सच का सहारा सबसे अच्छा
कैटफिशिंग असल कनेक्शन को कमजोर करती है. भले ही इसके पीछे की वजह कोई भी हो लेकिन इसका असर बुरा हो सकता है. बेहतर है कि किसी भी रिलेशन को मजबूत करने के लिए भरोसे और सच का सहारा लें, क्योंकि झूठ के दिन ज्यादा नहीं होते.

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