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रुको जरा.. सब्र करो! सिर्फ अट्रैक्शन को ना समझ बैठें प्यार, लव है या नहीं ऐसे चलेगा पता

Relationship Tips: किसी के साथ कुछ दिन ही रहते-रहते ऐसा महसूस होता है कि आपको उसके साथ बेइंतहा मोहब्बत हो गई है. अगर ऐसा है, तो रुक जाइए. ये प्यार नहीं आकर्षण हो सकता है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि प्यार की सही डेफिनेशन क्या है?  

रुको जरा.. सब्र करो! सिर्फ अट्रैक्शन को ना समझ बैठें प्यार, लव है या नहीं ऐसे चलेगा पता
Reetika Singh|Updated: Jul 28, 2025, 05:37 PM IST
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Love or Attraction Difference: दो लोगों के बीच प्यार एक बहुत खूबसूरत एहसास होता है. इस फीलिंग्स को हर इंसान महसूस तो कर पाता है, लेकिन सभी इस प्यार की फीलिंग को समझ नहीं पाते हैं. प्यार केवल आकर्षण नहीं है, यह इससे कहीं ज्यादा एक गहरा एहसास है, जो दो लोगों को जोड़ कर रखता है. ये एहसास कोई एक दिन में नहीं बनता, बल्कि समय के साथ-साथ ये गहरा होता जाता है. लेकिन कुछ लोग प्यार को समझ नहीं पाते हैं और उन्हें हर इंसान के साथ ऐसा महसूस होता है कि वह उससे बेइंतहा प्यार करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है, ऐसे इंसान प्यार को समझ नहीं पाते और आकर्षण को प्यार समझ लेते हैं. इस खबर में हम आपको प्यार की सही डेफिनेशन बताएंगे, जिससे आपको समझ आ जाएगा कि क्या समझ में आप प्यार में हैं?

 

प्यार केवल आकर्षण नहीं है
अक्सर लोग प्यार को आकर्षण समझ लेते हैं. लेकिन प्यार इससे कई ज्यादा गहरा होता है. किसी व्यक्ति की बाहरी सुंदरता पर आकर्षण होना सच्चा प्यार नहीं है. प्यार एक ऐसा बंधन है, जहां इंसान सामने वाले की बाहरी खूबसूरती नहीं, बल्कि उसकी अच्छाई और कमजोरियों के साथ उसे अपनाता है और उससे प्यार करता है. आकर्षण हर किसी से हो सकता है, लेकिन अपनापन वाली फीलिंग्स सिर्फ उसी से महसूस होती है, जिससे आपका दिल गहराई से जुड़ा हो. 

 

सेल्फलेस लव
प्यार हमेशा सेल्फलेस होता है. इसकी पहचान यही है कि प्यार में पड़ा इंसान स्वार्थ भुल कर सामने वाले के लिए खड़ा रहता है. प्यार में "मैं" नहीं बल्कि "हम" होता है. प्यार एक ऐसा एहसास होता है, जब आप चीजें अपनी खुशी के लिए नहीं बल्कि सामने वाले की खुशी के लिए करने लगते हैं. आपको उनकी खुशी में ही खुशी मिलती है. ऐसा एहसास हर इंसान के साथ नहीं हो सकता है. इसलिए आप प्यार भी हर किसी से नहीं कर सकते हैं. 

 

इमोशनल कनेक्शन
प्यार की पहचान इमोशनल कनेक्शन है. फिजिकल अट्रैक्शन या किसी के साथ फिजिकल कनेक्ट होना प्यार नहीं होता है. प्यार रोमांटिक बातों और पलों के साथ-साथ इमोशनल कनेक्शन भी होता है. या यूं कहें कि सबसे जरूरी यहीं होता है. अगर आपको अपने प्यार को पहचानना है तो ये जानने कि कोशिश करें, कि क्या आप सामने वाले इंसान के साथ इमोशनली कनेक्टेड हैं? क्या वो इंसान आपकी खामोशी को समझ पाता है, आपके दुख और फीलिंग्स को बिना कहे समझता है? हर किसी से आप इमोशनल कनेक्शन फील नहीं कर सकते हैं, जिसके साथ प्यार होता है उसके साथ ही इमोशनल कनेक्शन भी होता है.

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