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एक पल के लिए साथ, अगले पल राहें जुदा-जुदा, ये Nanoship क्या है बला? जानिए Gen Z क्यों कर रहे ऐसी डेटिंग

रिलेशनशिप में ऐसे-ऐसे एक्सपेरिमेंट हो रहे हैं, जिसको सुनकर किसी का भी दिमाग घूम जाएगा. अब जेन जी के बीच 'नैनोशिप' का ट्रेंड काफी ज्यादा देखा जा रहा है, जो खतरनाक है.

एक पल के लिए साथ, अगले पल राहें जुदा-जुदा, ये Nanoship क्या है बला? जानिए Gen Z क्यों कर रहे ऐसी डेटिंग
Shariqul Hoda|Updated: Apr 22, 2025, 08:33 AM IST
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What is Nanoship in Relationship: मॉडर्न डेटिंग की दुनिया में, एक नया टर्म सामने आया है जिसे 'नैनोशिप' कहते हैं. आप सोच रहे होंगे कि ये कौन सी नई बला है, लेकिन जेन जी (Gen Z) के बीच ये काफी पॉपुलर हो रहा है. आपको बता दें कि 'नैनो' जिसका मतलब है बेहद छोटा, इसलिए 'नैनोंशिप' का मीनिंग ऐसे रिलेशनशिप से है जिसकी लाइफ काफी कम हो. ये ऐसे रोमांटिक कनेक्शंस हैं जो कुछ दिनों या कुछ घंटों के लिए टिकते हैं. 

पल दो पल का साथ
ये कम वक्त का इंटरेक्टशन आमतौर पर डेटिंग ऐप्स, सोशल मीडिया कल्चर या तुरंत किसी को हासिल करने की ख्वाहिश से इंस्पायर्ड होता है. एक टिपिकल नैनोशिप इंटेंस टेक्सट मैसेज, क्विक बॉन्डिंग और कॉमन इंटरेस्ट या फीलिंग से शुरू हो सकती है, फिर ये पार्टनर अचानक एक दूसरे के लिए गायब हो जाते हैं. एक पल आप किसी के 'सब कुछ' होते हैं, और अगले ही पल, आपको घोस्ट कर दिया जाता है या चुपचाप साथ छोड़ दिया जाता है.

'नैनोंशिप' के नुकसान
भले ही ये कम टाइम का रोमांस दिखने में हार्मलेस लग सकते हैं, 'नैनोशिप' जज्बाती तौर पर थकाऊ और कन्फ्यूज करने वाला रिलेशनशिप होता है. ये इंटिमेसी का एक झूठा इमोशन पैदा करते हैं, जिससे लोग एक-दूसरे को सही मायने में जाने बिना जल्दी अटैच हो जाते हैं. ऐसे रिश्ते जब अचानक खत्म होते हैं, तो एक या दोनों पार्टनर को काफी हार्ट करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है वो यूज्ड या रिजेक्टेड हो गए हैं.

यहां आती है दिक्कत
'नैनोशिप' की दूसरी दिक्कत ये है कि इमोशनल डिटैचमेंट को नॉर्मलाइज किया जाता है, यानी इमोशन की वैल्यू कम हो जाती है. अगर हर बार शॉर्ट टर्म कनेक्शन के आदी हो चुके हैं जो शायद आगे चलकर गहरी इमोशनल बॉन्डिंग की बातें आपके समझ में न आए, जिससे शादी के बाद परेशानी पैदा हो सकती है. यानी आपको कमिटमेंट और भरोसे की कद्र नहीं है.

इंसान कोई ऑब्जेक्ट नहीं है
नैनोशिप डेटिंग में एक "यूज एंड थ्रो" माइंडसेट को प्रमोट करता है, जो इंसानी नजरिए ये काफी गलत है. आपकी अपने पार्टनर को टेम्पोरेरी इमोशनल फिल्टर नहीं बना सकते. हो सकता है कि ऐसा करके आप अपने पार्टनर को जिंदगीभर की तकलीफ दे रहे हों.

गलत इरादे
ये बात सच है कि हर रिलेशनशिप में उतर-चढ़ाव आते हैं, और सारे रिश्ते जिंदगीभर नहीं टिक सकते, लेकिन अगर आप जानबूझकर नैनोशिप डेटिंग का तरीका अपना रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप ब्रेकअप और डिच करने का इरादा पहले ही बना चुके है. किसी भी इंसान को ऑब्जेक्ट की तरह इस्तेमाल करना एथिकल नहीं हैं. जरा सोचिए कि अगर आपके साथ कोई ऐसा करें, तो क्या होगा.

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