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रिलेशनशिप में स्पेस देना और बेवकूफ बनने में कितना फर्क है? अगर नहीं समझेंगे तो पछताएंगे

इस बात में कोई शक नहीं है रिलेशनशिप में स्पेस देना हेल्दी है, लेकिन अपनी डिगनिटी और सेल्फ रिस्पेक्ट को प्रोटेक्ट करना भी उतना ही जरूरी है, वरना आप बेवकूफ कहलाएंगे.

रिलेशनशिप में स्पेस देना और बेवकूफ बनने में कितना फर्क है? अगर नहीं समझेंगे तो पछताएंगे
Shariqul Hoda|Updated: Jun 03, 2025, 07:46 AM IST
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Relationship Mistakes: रिलेशनशिप में हेल्दी बैलेंस बनाए रखना एक आर्ट है. इसमें एक-दूसरे को स्पेस देना और बेवकूफ बनने के बीच का फर्क समझना जरूरी है. दोनों में हल्का लेकिन अहम फर्क है, जो रिश्ते की मजबूती और सेल्फ रिस्पेक्ट को अफेक्ट करता है. आप पार्टनर को रिश्ते में स्पेस जरूर दें, लेकिन इस बात का भी ख्याल रखें कि आपको बेवकूफ नहीं बनाया जा रहा है. 

स्पेस देना: हेल्दी और रिस्पेक्टफुल
स्पेस देना मतलब अपने पार्टनर को उनकी निजी जरूरतों, हॉबीज और टाइम के लिए आजादी देना. ये रिश्ते में भरोसे और रिस्पेक्ट को दिखाता है. मिसाल के तौर पर, मान लीजिए आपका पार्टनर वीकेंड में अपने दोस्तों के साथ वक्त बिताना चाहता है या अपनी हॉबी पर फोकस करना चाहता है. आप इसे सहजता से स्वीकार करते हैं और उनके निजी समय का सम्मान करते हैं. ये स्पेस देना है, क्योंकि आप दोनों एक-दूसरे की पर्सनल आइडेंटिटी को वैल्यू देते हैं. इससे रिश्ता मजबूत होता है, क्योंकि दोनों लोग बिना दबाव के अपनी जिंदगी का लुत्फ उठा सकते हैं.

बेवकूफ बनना: सेल्फ रिस्पेक्ट का नुकसान
दूसरी तरफ, बेवकूफ बनना तब होता है जब आप अपने पार्टनर के गलत बिहेवियर को बार-बार नजरअंदाज करते हैं या अपने इमोशंस और लिमिट्स को दबाते हैं. मिसाल के तौर पर, अगर आपका पार्टनर बार-बार आपके जज्बात को ठेस पहुंचाता है, जैसे आपकी बातों को अनदेखा करना, झूठ बोलना या गलत बर्ताव करना, और आप इसे 'स्पेस देना'" समझकर चुप रहते हैं, तो ये असल में बेवकूफ बनना है. ये हालात तब और गंभीर हो जाते है जब आप अपनी जरूरतों को पूरी तरह अनदेखा कर देते हैं, जैसे कि पार्टनर की गलतियों को बार-बार माफ करना बिना किसी बदलाव के. इससे सेल्फ रिस्पेक्ट कम होता है और रिश्ता का बैलेंस बिगड़ जाता है

दोनों के बीच का फर्क क्या हैं?
स्पेस देना एक हेल्दी रिलेशनशिप का हिस्सा है, जहां दोनों लोग एक-दूसरे की फ्रीडम और पर्सनल ग्रोथ की रिस्पेक्ट करते हैं. ये आपसी समझ और भरोसे पर बेस्ड है. वहीं, बेवकूफ बनना तब होता है जब आप रिश्ते की लिमिट्स को अनदेखा करते हैं और पार्टनर के गलत बिहेवियर को एक्सेप्ट करते हैं. मिसाल, अगर आपका पार्टनर आपसे बिना बताए देर रात तक बाहर रहता है और आप इसे 'उनकी आजादी' समझकर चुप रहते हैं, तो ये बेवकूफ बनना है.

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