Copying Relatives Financial Status: आजकल सोशल प्रेशर और रिश्तेदारों की देखा-देखी में लोग जल्दबाजी में कार या मकान खरीदने का फैसला ले लेते हैं. लेकिन यह कदम बिना सोचे-समझे उठाना फाइनेंशियल और मेंटल नुकसान का कारण बन सकता है. हर शखअस की आर्थिक स्थिति, जरूरतें और लक्ष्य अलग-अलग होते हैं. रिश्तेदारों के स्टेटस की कॉपी करने से पहले इसके जोखिमों को समझना जरूरी है.
रिश्तेदारों की देखा-देखी करने के नुकसान
1. फाइनेंशिल बर्डेन
सबसे बड़ा नुकसान है वित्तीय बोझ. अगर आप अपनी आय और बचत के हिसाब से कार या मकान खरीदने का फैसला नहीं करते, तो भारी कर्ज लेना पड़ सकता है. मंथली ईएमआई चुकाने की जिम्मेदारी आपकी दूसरी वित्तीय जरूरतों, जैसे बच्चों की एजुकेशन, सेहत या रिटायरमेंट की प्लानिंग, को अफेक्ट कर सकती है. मिसाल के तौर पर, अगर आपकी मंथली सौलरी 50,000 रुपये है और आप 30,000 रुपये की ईएमआई ले लेते हैं, तो बाकी खर्चों के लिए बहुत कम बचता है, जिससे लाइफस्टाइल पर असर पड़ता है.
2. गलत प्रायोरिटीज सेट करना
रिश्तेदारों की नकल करने की चाहत में आप अपनी असल जरूरतों को नजरअंदाज कर सकते हैं. हो सकता है कि आपके लिए अभी मकान खरीदना जरूरी न हो, लेकिन सामाजिक दबाव में आप ऐसा कर बैठें। इससे आपके लॉन्ग टर्म टारगेट, जैसे इंवेस्टमेंट या इमरजेंसी फंड, अफेक्ट हो सकते हैं.
3. मेंटल स्ट्रेस
कर्ज का बोझ और लगातार ईएमआई चुकाने की टेंशन मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालती है. इससे पारिवारिक रिश्तों में तनाव और अनबन की स्थिति भी बन सकती है. साथ ही, जल्दबाजी में लिया गया मकान या कार का फैसला, जैसे गलत लोकेशन या हद से ज्यादा महंगी कार, खराब इंवेस्टमेंट साबित हो सकता है.
क्या करें?
1. बजट बनाएं: अपनी इनकम, खर्च और बचत के आधार पर ही फैसला लें.
2. रिसर्च करें: मकान या कार खरीदने से पहले बाजार, कीमत और भविष्य की जरूरतों का आकलन करें.
3. एक्सपर्ट की सलाह लें: वित्तीय सलाहकार से बात करें ताकि आपकी प्लानिंग आपकी क्षमता के हिसाब से हो.
4. सोशल प्रेशर से बचें: अपने टारगेट और जरूरतों को प्रायोरिटी दें, न कि दूसरों के स्टेटस को.