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लव मैरिज से पहले इमोशनल, और शादी के बाद प्रैक्टिकल क्यों हो जाते हैं कुछ लड़के?

लव मैरिज में कुछ वक्त गुजर जाने के बाद अक्सर लड़कियों को अपने पार्टनर से शिकायत होती है कि आप पहले जैसे नहीं रहे,  आखिर ऐसा चेंज क्यों देखने को मिलता है. 

लव मैरिज से पहले इमोशनल, और शादी के बाद प्रैक्टिकल क्यों हो जाते हैं कुछ लड़के?
Shariqul Hoda|Updated: Jan 07, 2025, 11:39 PM IST
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Love Marriage: लव मैरेज में अक्सर देखा जाता है कि लड़के पहले बहुत इमोशनल होते हैं, अपने लाइफ पार्टनर के हर छोटे-बड़े इमोशन को समझने की कोशिश करते हैं और हर पल उसे खुश रखने की पूरी कोशिश करते हैं,  लेकिन शादी के कुछ वक्त बाद वो ज्यादा प्रैक्टिकल हो जाते हैं. ये बदलाव कई सवाल खड़े करता है, क्या यह स्वाभाविक है, या इसके पीछे कुछ खास कारण होते हैं?

पहले इमोशनल क्यों होते हैं?
लव मैरेज के दौरान लड़के अपने पार्टनर को इम्प्रेस करने के लिए अपने इमोशन को ज्यादा एक्सप्रेस करते हैं. रिश्ते को मजबूत बनाने और ये दिखाने के लिए कि वे पार्टनर के लिए कितने सीरियस हैं, वो अपने इमोशंस पर ज्यादा ध्यान देते हैं. इस दौरान उनका फोकस सिर्फ अपने पार्टनर को खुश करने पर होता है.

शादी के बाद बदलाव क्यों आता है?
शादी के बाद जिंदगी में नई जिम्मेदारियां आ जाती हैं. लड़कों को अपनी वाइफ के साथ-साथ फैमिली, करियर और समाज की अपेक्षाओं को भी संतुलित करना पड़ता है. ये प्रैक्टिकल होने की पहली वजह बनती है.

1. जिम्मेदारियों का बोझ
शादी के बाद लड़कों पर घर की आर्थिक स्थिति सुधारने और भविष्य को सुरक्षित बनाने का दबाव बढ़ जाता है. वो अपने इमोशंस को साइड में रखकर प्रैक्टिकल फैसले लेना शुरू कर देते हैं.

2. सोसाइटी की एक्सपेक्टेशंस
हमारे समाज में पुरुषों को ऐसा माना जाता है कि उन्हें हमेशा मजबूत और प्रैक्टिकल होना चाहिए. ये धारणा भी उन्हें अपने इमोशंस को दबाने पर मजबूर करती है, या फिर सभी के सामने वो पार्टनर पर प्यार जताने से बचने लगते हैं. 

3. रूटीन लाइफ का असर
शादी के बाद रोमांटिक रिश्ते धीरे-धीरे रूटीन में बदल जाते हैं. काम और घर की डेली लाइफ के बीच इमोशनल अटैचमेंट में कमी आ सकती है. फिर बच्चे होने पर ज्यादा मर्द की प्रायोरिटीज भी बदल जाती है

4. पार्टनर की उम्मीदें
शादी के बाद लड़कियों को भी ये उम्मीद होती है कि उनका पति उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर जीवन देगा. ये उम्मीद लड़कों को प्रैक्टिकल बनने के लिए प्रेरित करती है. उसके लिए प्यार से ज्यादा करियर अहम हो जाता है

क्या ये चेंज गलत है?
ये बदलाव गलत नहीं है, बल्कि स्वाभाविक है कि जीवन के हर फेज में इंसान की प्रायोरिटीज बदलती हैं. हालांकि, इमोशनल और प्रैक्टिकल के बीच बैलेंस बनाए रखना जरूरी है ताकि रिश्ता मजबूत बना रहे.

आखिर में, शादी के बाद लड़कों का प्रैक्टिकल होना एक जरूरी प्रक्रिया है, लेकिन उन्हें अपने पार्टनर के साथ इमोशनल बॉन्ड बनाए रखने की भी कोशिश करनी चाहिए. यही एक खुशहाल शादी की कुंजी है. आप लाइफ पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम जरूर स्पेंड करें और उन्हें इस बात का अहसास दिलाते रहें कि वो आपके लिए आज भी कितनी जरूरी हैं.

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