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"परफेक्ट हसबैंड" भी रिश्ते के टिकने की गारंटी नहीं! फुटबॉलर काका के केस से समझें, सबकुछ अच्छा था फिर भी 10 साल बाद टूटी शादी

फुटबॉलर काका ने अपनी जिंदगी में बेशुमार दौलत और शोहरत हासिल की. साथ ही उन्होंने प्यार और शादी के रिश्ते को भी 'परफेक्ट' तरीके से निभाया, फिर भी उन्हें तलाक का सामना क्यों करना पड़ा? 

"परफेक्ट हसबैंड" भी रिश्ते के टिकने की गारंटी नहीं! फुटबॉलर काका के केस से समझें, सबकुछ अच्छा था फिर भी 10 साल बाद टूटी शादी
Shariqul Hoda|Updated: Jul 05, 2025, 08:54 AM IST
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Footballer Kaka Divorce Case: ब्राजील के फुटबॉल दिग्गज काका की कभी एक आदर्श पति की इमेज थी. वो कामयाब, धार्मिक और वफादार भी थे. फिर भी साल 2015 में बचपन की प्रेमिका कैरोलिन सेलिको (Caroline Celico) के साथ उनकी 10 साल की शादी तलाक में खत्म हो गई. शादी टूटने के बाद कैरोलिन ने कुछ चौंकाने वाला खुलासा किए, उन्होंने कहा था, “काका ने मुझे कभी धोखा नहीं दिया. उन्होंने मेरे साथ अच्छा बिहेव किया, मुझे एक बेहतरीन परिवार दिया. लेकिन मैं खुश नहीं थी. वो मेरे लिए बहुत ज्यादा 'परफेक्ट' थे.”

'बहुत ज्यादा परफेक्ट' थे काका
कैरोलिन के इस बयान ने कई लोगों को हैरान कर दिया. कोई इंसान 'बहुत ज्यादा परफेक्ट' कैसे तलाक का कारण बन सकता है? इसका जवाब रिश्ते के भीतर की इमोशनल और पर्सनल जरूरतों में छिपा है, जो मैटेरियल सक्सेस या मोरल वैल्यूज से कहीं बढ़कर हैं.

सबकुछ अच्छा होने पर भी क्यों नहीं टिकता रिश्ता?
शादी सिर्फ एक अच्छे इंसान को पार्टनर के तौर पर रखने के बारे में नहीं है - ये कनेक्शन, कम्पेटिबिलिटी, शेयर्ड ड्रीम्स और म्यूचुअल इमोशनल ग्रोथ के बारे में है. भले ही एक साथी कागज पर 'परफेक्ट' हो, अगर दूसरा अनदेखा, अधूरा, या इमोशल तरीके से तालमेल से बाहर महसूस करता है, तो दरारें पड़ सकती हैं.

काका ने वाइफ के लिए 'सबकुछ' किया लेकिन..
फुटबॉलर काका के मामले में, जबकि उन्होंने अपने पार्टनर को प्यार, वफादारी और एक सिक्योर लाइफ ऑफर की, लेकिन कैरोलिन ने इमोशनली डिस्कनेक्टेड या एक ऐसे रिश्ते में बंधा हुआ महसूस किया होगा जिसने उन्हें एक इंडिविजुअल के तौर पर ग्रो होने की इजाजत नहीं दी. कभी-कभी, किसी इंसान का परफेक्शन ओवरवेलमिंग लग सकता है अगर इमोशनल इमपरफेक्शन के लिए कोई जगह न हो. इसको ऐसा समझें कि जीने के लिए रोशनी ही नहीं, अंधेरे की भी जरूरत होती है.

पार्टनर का सिर्फ अच्छा होना काफी नहीं 
ये कहानी हमारे लिए एक रिमाइंडर है कि शादियों को सिर्फ "अच्छे लोगों" की नहीं बल्कि जज्बात में तालमेल, अडेप्टिबिलिटी और दोनों पार्टनर्स को निजी तौर पर इवॉल्व होने के लिए जगह की भी जरूरत होती है. हमें समझना होगा कि परफेक्शन भी भी एक जेल जैसा महसूस करा सकती है अगर ये किसी के इनर वर्ल्ड के साथ मेल न खाए. सच्चे रिश्ते की कामयाबी परफेक्शन से नहीं , बल्कि इमोशनल कनेक्ट और एक जैसे मकसद से आती है.

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