Salary Issue: इंडियन फैमिली में रिश्तेदारों के बीच कंपेयर करना बेहद नॉर्मल एक्ट है, जो असल में नॉर्मल नहीं होना चाहिए. अक्सर पैरेंट्स अपने बच्चों की तुलना रिलेटिव्स के बच्चों की सैलरी, नौकरी या अचीवमेंट्स से करते हैं और उन्हें ताने मारते हैं. हालांकि, ये आदत न सिर्फ बच्चों के कॉन्फिडेंस को कम कर देती है, बल्कि परिवार में तनाव और नेगेटिविटी को भी बढ़ाती है. आइए जानते हैं माता-पिता का ये बिहेवयर क्यों गलत है और इसके क्या बुरे अंजाम हो सकते हैं.
1. सेल्फ कॉन्फिडेंस पर चोट
हर इंसान की अपनी स्पीड, हॉबी और कैपेसिटी होती है. रिश्तेदारों के बच्चों की सैलरी से तुलना करने और ताने मारने से बच्चे अपने आप में कमी महसूस करते हैं. इससे उनका कॉन्फिडेंस डगमगाता है और वो अपने टारगेट से भटक सकते हैं. ताने सुनकर बच्चे इंस्पायर होने के बजाय हताश और निराश हो सकते हैं.
2. मेंटल हेल्थ पर असर
लगातार कंपेयर करने और ताने मारने से बच्चों में स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन का कारण बन सकते हैं. वो खुद को दूसरों से कमतर समझने लगते हैं, जिससे उनकी मेंटल हेल्थ बिगड़ सकती है. खासकर युवा, जो पहले ही करियर और सोशल प्रेशर से जूझ रहे होते हैं, ऐसे तानों से और टूट सकते हैं.
3. रिश्तों में खटास
ताने मारना माता-पिता और बच्चों के बीच के रिश्ते को कमजोर करता है. बच्चे अपने पैरेंट्स से खुलकर बात करने में हिचकिचाने लगते हैं. ये भरोसे की कमी पैदा करता है, जिससे परिवार में कम्यूनिकेशन की कमी और जज्बाती दूरी बढ़ती है.
4. पर्सनल डेवलपमेंट में रुकावट
हर बच्चे का करियर पाथ और अलग-अलग होते हैं. किसी की सैलरी ज्यादा होने का मतलब ये नहीं कि आपका बच्चा नाकामयाब है. ताने मारने से बच्चे अपनी हॉबीज को छोड़कर सिर्फ पैसों के पीछे भागने लगते हैं, जो उनके पर्सनल डेवलपमेंट और खुशी को रोक सकता है.
5. सोशल प्रेशर को प्रमोट करना
किसी से तुलना करना और ताने मारना बच्चों में सामाजिक दबाव को बढ़ाता है. वो सिर्फ सोशल एक्सपेक्टेशंस को पूरा करने के लिए गलत फैसले ले सकते हैं, जैसे ऐसी नौकरी चुनना जो उनकी पसंद के खिलाफ हो. इससे लॉन्ग टर्म डिससटिसफेक्शन और नाकामयाबी की आशंका बढ़ती है.
इस बात को समझें
कई रिश्तेदार आपको अपने सैलरी के बारे में बढ़ा चढ़ाकर फिगर देते हैं, हो सकता है कि वो झूठ बोल रहे हों. इसे सच मानकर कई पैरेंट्स अपने बच्चे को ताने मारने लगते हैं, लेकिन उनकें खुद सच का अंदाजा नहीं होता. अगर सचमुच में भी आपके बच्चे की सैलरी कम है, तब भी उन्हें परेशान करना किसी भी लिहाज से सही नहीं माना जा सकता.