Women After Marriage: एक दौर था, जब लड़कियां माता, पिता, पति और समाज से लड़ कर नौकरी करना चाहती थी. दुनिया में पिता और पति से हटकर अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती थी. लेकिन आज के सोशल मीडिया वाले दौर में लड़कियों में कुछ अलग ही बदलाव देखने को मिल रहा है. आपने सोशल मीडिया पर लड़कियों की नौकरी छोड़कर हाउसवाइफ बनने की ओर झुकाव जरूर देखा होगा. सोचने वाले बात है, अब जब नौकरी करने की आजादी है, तो पढ़ी-लिखी लड़कियां हाउसवाइफ बनना क्यों चाह रही हैं?
पढ़ी-लिखी लड़कियां क्यों बनना चाहती हैं हाउसवाइफ?
पढ़ी-लिखी समझदार लड़कियों का ये फैसला कोई दबाव, परंपरा, या कोई दकियानूसी विचार नहीं, बल्कि सोच-समझकर लिया गया व्यक्तिगत फैलसा है. ऐसा नहीं है कि हर लड़की ऐसा करना चाह रही है. लेकिन कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि पढ़ाई पुरी करके, कुछ साल नौकरी करने के बाद लड़कियां शादी के बाद हाउसवाइफ बन जा रही हैं. इस खबर में हम आपको आपको इसके पीछे से बड़े कारण बताएंगे
मेंटल पीस और जिंदगी में सुकून
नौकरी व्यक्ति फिजिकली और मेंटली दोनों ही तरह से थका देता है. ऐसे नौकरी की भागदौड़, टारगेट्स और ऑफिस पॉलिटिक्स से महिलाएं परेशान हो जा रही हैं. ऐसे में शादी के बाद जब उन्हें हाउसवाइफ बनने का मौका मिल रहा है. तो वे मेंटल पीस और सुकून को चुनती हैं. खासतौर पर ऐसा बड़े शहरों के मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर रही लड़कियों के साथ देखा जा रहा है.
परिवार और बच्चों के कारण
कामकाजी महिलाओं को काम के साथ-साथ परिवार को भी उतनी ही प्राथमिकता से हैंडल करना पड़ता है, जो हर महिला नहीं कर पाती. ऐसे में परिवार और बच्चों को तो छोड़ा नहीं जा सकता, तो महिलाएं अपने काम को छोड़ देती हैं.
करियार में सैटिस्फैक्शन की कमी
कई बार अच्छी डिग्री के बाद करियार में सैटिस्फैक्शन नहीं मिल पाता. वे अपने सपनों को हासिल नहीं कर पाती हैं, जो उन्होंने एक समय पर देखी थी. ऐसे में मध्यम सेरेली के साथ बिना सैटिस्फैक्शन के नौकरी को छोड़ना ही उन्हें बेहतर लगता है.