घर-परिवार की जिम्मेदारियों में महिलाएं अक्सर सबसे ज्यादा बोझ उठाती हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि एक मां की जिंदगी में सबसे बड़ा तनाव किससे होता है- बच्चों से या पति से? हाल ही में सामने आई एक चौंकाने वाली रिसर्च ने इस सवाल का जवाब दिया है, जो समाज की असल तस्वीर को उजागर करता है.
अमेरिका में 2013 में किए गए एक सर्वे में 7,000 से अधिक माताओं से बात की गई. इस रिसर्च के अनुसार, महिलाओं का औसतन तनाव स्तर 10 में से 8.5 पाया गया, जो कि बेहद अधिक है. हैरानी की बात यह रही कि इनमें से करीब 46% महिलाओं ने स्वीकार किया कि उनके पति उन्हें बच्चों से ज्यादा तनाव देते हैं.
जिम्मेदारियों का असंतुलन बना तनाव की वजह
रिपोर्ट में बताया गया कि घर की जिम्मेदारियों को लेकर पति-पत्नी के बीच संतुलन की भारी कमी है. महिलाएं दिनभर बच्चों की देखभाल, घर के काम, खाना बनाने और अन्य घरेलू जिम्मेदारियों में व्यस्त रहती हैं. लेकिन जब बात शेयर जिम्मेदारियों की आती है, तो अक्सर पति पीछे हट जाते हैं. इससे न सिर्फ महिलाओं का मानसिक बोझ बढ़ता है, बल्कि उन्हें अकेलापन और उपेक्षा भी महसूस होती है.
इमोशनल सपोर्ट की कमी भी कारण
रिसर्च में यह भी सामने आया कि कई महिलाएं अपने पति से इमोशनल सपोर्ट की उम्मीद करती हैं, लेकिन उन्हें वह नहीं मिल पाता. जब पुरुष ऑफिस से लौटकर आराम करना चाहते हैं, तब महिलाएं पहले से ही पूरे दिन की थकान और मानसिक दबाव में होती हैं. इस अंतर के चलते झगड़े, नाराजगी और तनाव की स्थिति पैदा होती है.
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों के मुताबिक, तनाव को कम करने के लिए सबसे जरूरी है पति-पत्नी के बीच बेहतर संवाद और जिम्मेदारियों की बराबर भागीदारी. बच्चों की परवरिश और घर की देखभाल सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए. पुरुषों को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी.