सारसोप एक कांटेदार फल है जो भीतर से नरम, सफेद और मलाईदार और स्वाद में स्ट्रॉबेरी और केले के मिश्रण जैसा होता है. इसे आम बोलचाल की भाषा में हनुमान फल भी कहा जाता है. सारसोप का उपयोग लंबे समय से उपचार के लिए किया जाता रहा है. अपने स्वाद स्वास्थ्य लाभ के कारण अब पूरे दूनिया में चर्चा का विषय बन गया है.
सारसोप फल में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं. एक कप सारसोप में 148 कैलोरी, 7.42 ग्राम फाइबर, 37.8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स और 30.5 ग्राम शुगर पाया जाता है. यह फल कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है. इसके साथ ही इसमें विटामिन C, पोटेशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं. इसका इस्तेमाल बैक्टीरियल इंफेक्शन से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के उपचार में किया जाता है.
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सारसोप और कैंसर: क्या कहती है शोध?
जर्नल ऑफ मेडिसिनल केमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि सारसोप के यौगिक स्तन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं और कीमोथेरेपी से भी अधिक प्रभावी थे. साइंटिफिक रिपोर्ट्स में 2016 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि सारसोप में प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं को भी डैमेज करता है.
सारसोप के अन्य लाभ
सारसोप में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से होने वाली कोशिका क्षति को रोकने में मदद करते हैं. यह बैक्टीरिया जैसे कि जिंजीवाइटिस, दांतों के क्षय और यीस्ट संक्रमण को रोकने में मदद करता है. सारसोप का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, खासकर मधुमेह के मरीजों के लिए.
सारसोप के संभावित जोखिम
कुछ शोध यह भी चेतावनी देते हैं कि इसके उच्च मात्रा में सेवन से न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियां, जैसे कि पार्किंसंस रोग, हो सकती हैं. एक 2022 के अध्ययन में पाया गया कि सारसोप में पाए जाने वाले एसीटोजेनीन उच्च मात्रा में सेवन करने से न्यूरोटॉक्सिक हो सकते हैं, जो तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
कैसे करें सारसोप का सेवन?
सारसोप को अपनी डाइट में शामिल करना बहुत आसान है. आप इसे ताजा खा सकते हैं इसके मीठे और मलाईदार गूदा को निकालकर बीज हटा सकते हैं. इसके अलावा, आप इसे स्मूदी में डाल सकते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.