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श्री श्री रविशंकर ने बताए मन को शांत-कंट्रोल करने के लिए 5 योग, हर समय बुरा होने की चिंता से मिलेगी राहत

How To Be Stress Free: आज के समय में स्ट्रेस फ्री रहना नामुमकिन होता जा रहा है. ऐसे में मन को शांत और फोकस रखने के लिए गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के सुझाए ये 5 प्राणायाम आपके बहुत काम आ सकते हैं.   

श्री श्री रविशंकर ने बताए मन को शांत-कंट्रोल करने के लिए 5 योग, हर समय बुरा होने की चिंता से मिलेगी राहत
Sharda singh|Updated: Jun 19, 2025, 04:48 PM IST
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महामारी के बाद से दुनिया में अनिश्चितताओं को लेकर लोगों में डर और चिंता पूरी तरह से घर कर चुका है. चाहे पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला हो, विश्व भर में चल रहा अशांति और युद्ध का माहौल, या फिर हाल ही में अहमदाबाद में हुआ बोइंग ड्रीमलाइनर विमान हादसा. हर घटना ने आमजन को मानसिक स्तर पर झकझोर कर रख दिया है. 

ऐसे में मन को शांत रखना मुश्किल है. लेकिन गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने हमे बताया कि यह इतना भी कठिन कार्य नहीं है. जबकि दुनिया निरंतर बदलती रहती है. अगर आप किसी ऐसी चीज पर निर्भर करते हैं जो हमेशा बदलती रहती है, तो आप निश्चित ही परेशान होंगे. लेकिन जब आप चेतना की निश्चितता को पहचान लेते हैं, तब आप दुनिया की अनिश्चितता के साथ भी सहज रह सकते हैं. गुरुदेव यह भी सुझाव देते हैं कि आप अपनी दिनचर्या में प्राणायाम और ध्यान को शामिल करें ताकि आप अनिश्चितता और चिंता को मात दे सकें.

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अनिश्चिताओं में मन को शांत रखने के उपाय

बेली ब्रीदिंग (पेट से श्वास लेना)

इसे करने के लिए सबसे पहले सुखासन में आराम से बैठें. एक हाथ पेट पर और दूसरा छाती पर रखें. नाक से धीरे-धीरे श्वास लें, पेट को फूलने दें. धीरे-धीरे श्वास छोड़ें और पेट को सिकुड़ने दें. 5–10 मिनट तक दोहराएं.

भस्त्रिका प्राणायाम

इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले वज्रासन या सुखासन में बैठें. मुट्ठियां बनाकर कंधों के पास रखें. गहरी श्वास लें और नाक से बलपूर्वक श्वास छोड़ें, साथ ही मुट्ठियां खोलते हुए हाथ ऊपर उठाएं. तेज और लयबद्ध गति से 30 सेकंड से 1 मिनट तक दोहराएं. अभ्यास के साथ धीरे-धीरे समय बढ़ाएं. अगर कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो इसे न करें.

भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम करने लिए सीधे बैठें और आंखें बंद करें. तर्जनी उंगलियों से कान के पास के हिस्से को हल्के से दबाएं. गहरी श्वास लें और "म्म्म्..." की मधुमक्खी जैसी ध्वनि करते हुए श्वास छोड़ें. इस पूरी प्रक्रिया को 5–10 मिनट तक करें.

शीतली प्राणायाम

इसके करने के लिए आराम से बैठें और जीभ को नली के आकार में मोड़ लें. जीभ से धीरे-धीरे श्वास लें. फिर मुंह बंद करें और नाक से श्वास छोड़ें. इसे 5–10 मिनट तक दोहराएं.

नाड़ी शोधन प्राणायाम 

इसके लिए सुखासन या पद्मासन में बैठें. दाहिने अंगूठे से दाहिनी नासिका बंद करें और बायीं नासिका से श्वास लें. अनामिका से बायीं नासिका बंद करें और दाहिनी से श्वास छोड़ें. अब दाहिनी से श्वास लें, बंद करें और बायीं से छोड़ें. यह एक चक्र हुआ. कुल 9 चक्र करें.

प्राणायाम करने के फायदे

प्राणायाम योग का ही हिस्सा है, जो आपको खुद से जोड़ने का काम करता है. इससे आप न केवल अपनी मन को शांत कर सकते हैं बल्कि कुछ को अनावश्यक चिंता करने से भी मन को रोक सकते हैं. इसमें मदद के लिए आप 21 जून से श्री श्री योग द्वारा आयोजित निःशुल्क 14-दिवसीय योग चैलेंज से जुड़ना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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