Natural Medicine: आजकल हर कोई हेल्दी लाइफ चाहता है लेकिन आजकल की लाइफस्टाइळ और बढ़ते प्रदूषण के कारण बीमारियों से दूर रहना बहुत मुश्किल हो गया है. ऐसे में प्राकृतिक और आयुर्वेदिक इलाज का महत्व बढ़ गया है. आयुर्वेद में कई पौधों और जड़ी-बूटियों को सेहत के लिए लाभकारी माना गया है. इनमें से एक खास पौधा है धातकी, जिसे धवई या बहुपुष्पिका के नाम से भी जाना जाता है. यह पौधा कई बीमारियों में लाभकारी है और खासकर गठिया और अल्सर जैसी तकलीफों में आराम देता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक धवई का बड़ा नाम है. यह पौधा भारत के लगभग हर राज्य में मिल जाता है. इस पौधे के फूल, फल, जड़ और छाल का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों में किया जाता है, जो इसके बहुमुखी फायदों को बताता है.
अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार धातकी का नाम वुडफोर्डिया फ्रुटिकोसा है. इसकी शाखाओं और पत्तियों पर काले बिंदु होते हैं, जो इसे दूसरे पौधों से अलग बनाते हैं. इसके फूल चमकीले लाल रंग के होते हैं, वहीं फल पतले और अंडाकार होते हैं, जिनमें भूरे रंग के छोटे बीज भरे होते हैं. एनआईएच वैज्ञानिकों के रिसर्च में पाया है कि धातकी की पत्तियों में ऐसे केमिकल होते हैं, जो ल्यूकोरिया, पीरियड की समस्याओं, पेशाब में जलन जैसी समस्या में राहत पहुंचा सकते हैं.
पशुओं के लिए भी है असरदार
धातकी की पत्तियों का इस्तेमाल केवल मानव स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि पशुओं में भी किया जाता है. रिसर्च बताती है कि इसे बुखार, खांसी, गठिया, अल्सर जैसी बीमारियों के इलाज में और पशुओं में दूध बढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जाता है.
प्राचीन ग्रंथ चरक संहिता में धातकी को मूत्रवर्धक के रूप में वर्णित किया गया है. इसके साथ ही आयुर्वेद में आसव और अरिष्ट जैसी दवाइयों के निर्माण में यह एक जरूरी पदार्थ है, क्योंकि यह फर्मेंटेशन प्रोसेस को बढ़ावा देता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में लूज मोशन और पेचिश जैसी डाइजेशन संबंधी समस्याओं में भी इसका व्यापक उपयोग किया जाता है. इसके फूलों का चूर्ण शहद या छाछ के साथ लेने से तुरंत आराम मिलता है और बार-बार पेशाब जाने की समस्या को भी कंट्रोल किया जा सकता है. घावों और खूब बहने को रोकने के लिए भी इसके फूलों का चूर्ण या लेप लगाने से चोट या घाव जल्दी भरते हैं, सूजन कम होती है और इन्फेक्शन का खतरा कम होता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक धातकी को स्किन से जुड़ी बीमारियों में भी असरदार माना गया है. हालांकि धातकी के अनेक लाभों के बावजूद इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि कुछ मामलों में गलत मात्रा में लेने से दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं.
(आईएएनएस)
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