Trikonasana Yoga: योग हमारी जिंदगी का बेहद जरूरी हिस्सा है. इससे न सिर्फ हमारा शरीर फिट रहता है, बल्कि मन को भी सुकून मिलता है. जो लोग योग की शुरुआत कर रहे हैं, उनके लिए 'त्रिकोणासन' एक बढ़िया और आसान तरीका है. इसे ट्रायंगल पोज भी कहा जाता है. इस आसन को करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और तनाव भी दूर होता है.
त्रिकोणासन के फायदे
आयुष मंत्रालय की ओर से वेबसाइट और अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी गई जानकारी के मुताबिक, त्रिकोणासन शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है. इसे करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है, जिससे कमर और पीठ से जुड़ी दिक्कतों में राहत मिलती है. इसके अलावा, ये आसन पिंडली, जांघ और कमर के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे शरीर में ताकत और संतुलन दोनों बढ़ते हैं.
1. इंटरनल ऑर्गंस को फायदा
त्रिकोणासन का असर सिर्फ शरीर के बाहरी हिस्सों तक ही नहीं रहता, बल्कि यह हमारे अंदरूनी अंगों पर भी शानदार असर डालता है. खासतौर से ये फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है और रिस्पिरेटरी सिस्टम बेहतर काम करता है. जो लोग सांस की तकलीफ या थकान महसूस करते हैं, उनके लिए ये आसन काफी फायदेमंद हो सकता है.
2. स्किन के लिए अच्छा
त्रिकोणासन करने से स्किन से जुड़ी परेशानियों जैसे दाने, झाइयां या रूखापन आदि से राहत मिलती है, क्योंकि यह आसन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह आसन काफी मददगार माना जाता है, क्योंकि यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है.
3. टेंशन से राहत
इसके अलावा, जो लोग हर समय तनाव या चिंता में रहते हैं, उनके लिए त्रिकोणासन राहत देने वाला योगासन है. इसे करने से दिमाग शांत होता है और मन हल्का महसूस करता है. पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, जिससे गैस, एसिडिटी जैसी दिक्कतें कम होती हैं.
कैसे करें त्रिकोणासन?
आयुष मंत्रालय के मुताबिक, त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं। फिर एक पैर को उठाकर दूसरे से लगभग डेढ़ फुट की दूरी पर रखें, लेकिन ध्यान रखें कि दोनों पैर एक सीध में हों. अब गहरी सांस लें और दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं. इसके बाद धीरे-धीरे कमर से आगे की ओर झुकें और सांस बाहर छोड़ें. अब दाएं हाथ से बाएं पैर को छुएं और बाएं हाथ को सीधा ऊपर की ओर उठाएं. गर्दन घुमाकर ऊपर उठी हथेली की ओर देखें और इस स्थिति में 2-3 सेकंड तक सांस रोककर रहें. फिर धीरे-धीरे शरीर को सीधा करें और सांस लेते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं. आयुष मंत्रालय ने स्लिप डिस्क, साइटिका और पेट या आंत से संबंधित बीमारी में किसी भी प्रकार की सर्जरी होने के कम से कम 3 महीनों तक त्रिकोणासन न करने की सलाह दी है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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