टाइप 2 डायबिटीज आज के समय में बहुत ही कॉमन बीमारी हो गयी है. यह बीमारी जेनेटिक होने के अलावा लाइफस्टाइल की खराब आदतों और गलत खानपान के कारण होती है. ऐसे में यदि आप फलों को साबुत खाने की जगह इसके जूस का सेवन कर रहे हैं, तो आप भी इसके चपेट में आ सकते हैं. बावजूद इसके कि फ्रूट्स जूस में विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं.
हाल ही में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि फल का रस उतना फायदेमंद नहीं है जितना आप सोचते हैं. इस नतीजे पर ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी (BYU) और जर्मनी की कुछ संस्थाओं के शोधकर्ता अलग-अलग देशों के लगभग 5 लाख से अधिक लोगों के आंकड़ों को जांचने के बाद पहुंचे हैं.
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हर दिन बढ़ेगा डायबिटीज का 5% रिस्क
रिसर्च में पाया गया कि हर दिन 230 मिलीलीटर फ्रूट जूस पीने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 5% तक बढ़ सकता है. वहीं, शुगर वाले ड्रिंक्स जैसे कोल्ड ड्रिंक या सोडा का हर दिन 350 मिलीलीटर सेवन यह खतरा 25% तक बढ़ा देता है.
फ्रूट जूस क्यों नहीं पीना चाहिए?
फाइबर की कमी
फलों का सबसे बड़ा फायदा होता है उनका फाइबर, जो पाचन में मदद करता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता. लेकिन जूस में बदलते ही फल अपना फाइबर खो देते हैं, जिससे पेट जल्दी खाली हो जाता है और लोग ज्यादा खाने लगते हैं.
हाई शुगर लेवल
फलों के रस में नेचुरल शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाती है. इससे इंसुलिन की संवेदनशीलता पर असर पड़ता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
वजन बढ़ने का खतरा
फल का रस ज्यादा पीने से वजन भी बढ़ सकता है. इसका कारण है उसमें मौजूद अधिक शुगर और फाइबर की कमी. वजन बढ़ना भी डायबिटीज और दिल की बीमारियों जैसी कई समस्याओं के जोखिम को बढ़ाने में मददगार होता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.