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जमीन पर उठने-बैठने में हो रही दिक्कत, तो बुजुर्ग कर सकते हैं 'कुर्सी योग' की प्रैक्टिस, शरीर होगा मजबूत

बढ़ती उम्र में भले ही शरीर कमजोर पड़ जाए लेकिन योग का सहारा कभी नहीं छोड़ना चाहिए. अगर आपको जमीन पर उठने और बैठने में दिक्कत हो रही है, तो कुर्सी योग का सहारा ले सकते हैं.

जमीन पर उठने-बैठने में हो रही दिक्कत, तो बुजुर्ग कर सकते हैं 'कुर्सी योग' की प्रैक्टिस, शरीर होगा मजबूत
Shariqul Hoda|Updated: Jun 28, 2025, 02:16 PM IST
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Chair Yoga: बढ़ती उम्र के साथ फीजिकल मोबिलिटी और बैलेंस में कमी आना नेचुरल है. लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि योग से दूरी बनानी पड़े. ऐसे में बुजुर्गों के लिए आसान तरीके से किया जाने वाला कुर्सी योग किसी सौगात से कम नहीं है. कुर्सी योग बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हो रहा है. योग, कुर्सी का सहारा लेकर बढ़ती उम्र की समस्या से परेशान लोगों को स्थिरता देता है, जिससे पारंपरिक योग आसनों को आसान और सुरक्षित तरीके से कर पाते हैं.

इन हालात में करें कुर्सी योग
आसन, सांस लेने की तकनीक (प्राणायाम) और मेडिटेशन की प्रैक्टिस कुर्सी पर बैठकर या उसका सहारा लेकर किया जाता है. ये उन लोगों के लिए आदर्श है, जो फर्श पर उठने-बैठने में असमर्थ हैं, संतुलन बनाए रखने में कठिनाई महसूस करते हैं या जो जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी से जूझ रहे हैं. इस योग को घर के साथ ही पार्क या अन्य जगहों पर भी आसानी से किया जा सकता है, जिसके लिए किसी खास चीज की जरूरत नहीं होती, सिवाय एक स्थिर कुर्सी के.

कुर्सी योग के फायदे
इसकी रेगुलर एक्सरसाइज से फिजिकल और मेंटल हेल्थ में कई फायदे देखे गए हैं. ये जोड़ों की जकड़न को कम करता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और लचीलापन बढ़ाता है. सांस लेने की तकनीकों के जरिए ये स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम करने में मदद करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है. दिल से जुड़ी परेशानियों को दूर कर उसे सेहतमंद बनाने, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और नींद की क्वालिटी में सुधार के लिए भी कुर्सी योग असरदार है. बुजुर्ग बिना किसी जोखिम के सहज तरीके से एक्सरसाइज कर सकते हैं.

कैसे करें ये आसन?
आयुष मंत्रालय के मुताबिक, कुर्सी योग की शुरुआत सरल आसनों जैसे कंधे और गर्दन की स्ट्रेचिंग, कुर्सी पर बैठकर पैरों की गति या सहारे के साथ खड़े होकर किए जाने वाले आसनों से की जा सकती है. एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में इसे शुरू करना बेहतर होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि हफ्ते में 2-3 बार 20-30 मिनट की प्रैक्टिस भी काफी फायदा दे सकता है.
 

 

 

सेफ ऑप्शन
बैठकर किए जाने वाला योग न सिर्फ बुजुर्गों, बल्कि उन सभी के लिए एक सेफ ऑप्शन है जो योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहते हैं. ये सेहत और खुशहाली की दिशा में एक सरल, सुलभ और असरदार कदम है.

इन बातों का रखें ख्याल
कुर्सी योग की प्रैक्टिस से पहले कुछ आम बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. इसके लिए बिना पहियों वाली मजबूत कुर्सी का चुनाव करें. इसके लिए एक मजबूत सीट वाली कुर्सी चुनें, जो ज्यादा गद्देदार न हो. कुर्सी की पीठ सीधी होनी चाहिए और उसकी ऊंचाई ऐसी होनी चाहिए कि पैर जमीन पर सपाट रख सकें.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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