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हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन में क्या है फर्क? सही पहचान ही बचा सकती है जान

गर्मी का मौसम आते ही लू लगना और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. धूप में निकलते ही कई बार शरीर में अजीब सी कमजोरी, चक्कर, पसीना रुक जाना या ज्यादा प्यास लगना शुरू हो जाता है.

हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन में क्या है फर्क? सही पहचान ही बचा सकती है जान
Shivendra Singh|Updated: Apr 25, 2025, 09:09 PM IST
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गर्मी का मौसम आते ही लू लगना और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. धूप में निकलते ही कई बार शरीर में अजीब सी कमजोरी, चक्कर, पसीना रुक जाना या ज्यादा प्यास लगना शुरू हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि हम हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के बीच फर्क को सही से समझें, ताकि समय रहते सही इलाज किया जा सके और जान का खतरा टाला जा सके.

हीट स्ट्रोक यानी लू लगना तब होता है जब शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर अपनी तापमान कंट्रोल करने की क्षमता खो देता है. सामान्य तापमान 37°C होता है, लेकिन हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान 40°C या उससे भी अधिक हो सकता है. इस स्थिति में व्यक्ति को पसीना आना बंद हो जाता है, त्वचा गर्म और सूखी हो जाती है, तेज सिरदर्द, चक्कर आना, मांसपेशियों में कमजोरी, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण दिख सकते हैं. हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है और अगर समय रहते इलाज न हो, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

डिहाइड्रेशन क्या है?
डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी तब होती है जब शरीर पसीने, पेशाब या सांसों के जरिए जरूरत से ज्यादा पानी खो देता है और उसकी भरपाई नहीं हो पाती. डिहाइड्रेशन में व्यक्ति को ज्यादा प्यास, मुंह सूखना, पेशाब का रंग गहरा होना, थकान, चक्कर आना और त्वचा का सूखापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. डिहाइड्रेशन गंभीर न हो तो नॉर्मल पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक से इसे सही किया जा सकता है, लेकिन गंभीर डिहाइड्रेशन में भी अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है.

डिहाइड्रेशन vs हीट स्ट्रोक 
विशेषज्ञों के अनुसार, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक में फर्क पहचानना जरूरी है, क्योंकि हीट स्ट्रोक में सिर्फ पानी पिलाने से काम नहीं चलता. इसमें तुरंत ठंडक पहुंचाना, शरीर का तापमान घटाना और मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है. वहीं डिहाइड्रेशन को शुरुआत में ही पहचानकर सही मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स देकर रोका जा सकता है. गर्मी में सेफ रहने के लिए धूप में निकलने से बचें, ढीले-ढाले कपड़े पहनें, भरपूर पानी पिएं और शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें. सही समय पर सही कदम आपकी जान बचा सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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