Baat Pate Ki: हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना को कमान देने की बजाय चंपई सोरेन को क्यों चुना. इस फ़ैसले के पीछ कई वजहें हैं. चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में एक हैं और शिबू सोरेन के बेहद क़रीबी माने जाते हैं. JMM के आदिवासी चेहरा माने जाने वाले चंपई के नाम पर गठबंधन में शामिल कांग्रेस को भी कोई एतराज़ नहीं है. बड़ी बात ये कि चंपई का नाम आगे कर हेमंत सोरेन ने परिवार में बगावत को भी दबा दिया। क्योंकि कहा जा रहा था कि कल्पना सोरेन को CM बनाने के नाम पर उनकी भाभी सीता सोरेन तैयार नहीं थीं और अपना दावा ठोक रही थीं. सबसे अहम बात ये कि चंपई सोरेन झारखंड के कोल्हान इलाक़े से आते हैं, जहां BJP का दबदबा माना जाता है. BJP सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके अर्जुन मुंडा और रघुवर दास कोल्हान इलाक़े से ही चुनकर आए थे. 2019 के विधानसभा चुनाव कोल्हान इलाक़े की 13 सीटों पर BJP का प्रदर्शन अच्छा नहीं था, जिसके चलते रघुवर दास सरकार को सत्ता गंवानी पड़ी थी. ऐसे में चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर कोल्हान इलाक़े में JMM को चुनावी फ़ायदा मिल सकता है. मज़दूर आंदोलन से निकलकर राजनीति में उतरने वाले चंपई सोरेन को उनके तेवरों के लिए टाइगर के नाम से जाना जाता है.
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